हिमाचल में लाखों विद्यार्थी बिना परीक्षा परिणाम अगली कक्षा में होंगे प्रमोट

शिमला : हिमाचल के ग्रीष्मकालीन स्कूलों की गैर बोर्ड कक्षाओं में पढ़ने वाले लाखों विद्यार्थी परीक्षा परिणाम घोषित हुए बिना ही अगली कक्षाओं में प्रमोट किए जाएंगे। शुक्रवार को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में इसको लेकर सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है। गैर बोर्ड वाली आठ कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए कई अन्य राज्यों सहित सीबीएसई की तर्ज पर जयराम सरकार ने यह फैसला लिया है। इस संदर्भ में शिक्षा विभाग से अधिसूचना जारी होते ही लाखों विद्यार्थी बिना परीक्षा परिणाम घोषित हुए अगली कक्षाओं में पहुंच जाएंगे। पहली से चौथी, छठी और सातवीं और नवीं व 11वीं कक्षा के लिए सरकार ने व्यवस्था की है। वहीं, हिमाचल में शनिवार सुबह 10 से 12 बजे तक घर पाठशालाएं लगेंगी और अभिभावक शिक्षक बनेंगे। कोरोना वायरस से बचाव को बंद हुए सरकारी स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई जारी रखने को शिक्षा विभाग नया प्रयोग कर रहा है।

मिली सैधान्तिक मंज़ूरी

शुक्रवार को राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने यह मामला उठाया। उन्होंने परीक्षा परिणाम के इंतजार में बैठे विद्यार्थियों के भविष्य को लेकर जल्द निर्णय लेने की मांग की। सरकार ने शिक्षा मंत्री की मांग को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी देते हुए शिक्षा विभाग की ओर से प्रस्ताव भेजने को कहा गया। विभागीय प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही अधिसूचना जारी हो जाएगी। बता दें ग्रीष्मकालीन स्कूलों में बीते दिनों ही इन कक्षाओं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की परीक्षाएं ली गई हैं। प्रदेश में लॉकडाउन और कर्फ्यू के चलते इन कक्षाओं के विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन नहीं हो पाया है। इसी को देखते हुए ये फैसला लिया है।

बोर्ड कक्षाओं को लेकर नहीं हुआ फैसला

चार बोर्ड कक्षाओं पांचवीं-आठवीं और 10वीं व 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणामों को लेकर भी कैबिनेट बैठक में चर्चा हुई लेकिन इस बाबत कोई फैसला नहीं हुआ। सूत्रों ने बताया कि इन कक्षाओं को लेकर सरकार 14 अप्रैल तक लगे लॉगडाउन के समाप्त होने के बाद कोई फैसला लेगी।

अभिभावक बनेंगे शिक्षक, दो घंटे की लगेगी क्लास

वहीं, हिमाचल में शनिवार सुबह 10 से 12 बजे तक घर पाठशालाएं लगेंगी और अभिभावक शिक्षक बनेंगे। कोरोना वायरस से बचाव को बंद हुए सरकारी स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई जारी रखने को शिक्षा विभाग नया प्रयोग कर रहा है। समय 10 से 12 वाला, हर घर बने पाठशाला अभियान के तहत शिक्षक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाकर अभिभावकों को पढ़ाई करवाने के वीडियो और होमवर्क भेजेंगे। विभाग की विशेष टीमें शिक्षकों को इस माध्यम से पढ़ाई करवाने के लिए सामग्री भेजेगी।

व्हाटसएप पर भेजें मेसेज

व्हाट्सऐप ग्रुप पर बच्चे शिक्षकों को मेसेज कर विषय संबंधी शंकाएं दूर कर सकेंगे। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि स्कूल बंद होने से पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए नया प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने अभिभावकों से इस अभियान को सफल बनाने की अपील की है। समय 10 से 12 वाला, हर घर बने पाठशाला अभियान के तहत बच्चों को रोजाना दो घंटे पढ़ाई करवाने को स्टडी मैटेरियल तैयार कर लिया है। शनिवार से अभियान की शुरूआत होगी।

शिक्षक बनाएं ग्रुप

शिक्षकों को अपने-अपने स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों के फोन नंबरों को जोड़कर कक्षावार व्हाट्सऐप ग्रुप बनाने को कहा है। अभियान के तहत शिक्षकों के व्हाट्सऐप ग्रुप बनाए गए हैं। ग्रुप में रोजाना अध्ययन सामग्री अपलोड की जाएगी।  फिर कक्षाओं के अनुसार शिक्षक अभिभावकों के ग्रुप में उसे भेजेंगे। अगर किसी बच्चे या अभिभावक को कोई बात समझ नहीं आती है तो वो संबंधित शिक्षक से सवाल कर सकेंगे। मंत्री ने बताया कि अधिक दिनों तक स्कूल बंद होने से बच्चों की पढ़ाई को लेकर रुचि कम न हो इसके लिए विशेषज्ञों से चर्चा करने के बाद यह अभियान शुरू करने का फैसला लिया गया है।

10 से 12 बजे तक लगेगी क्लास

उन्होंने कहा कि स्कूल खुलने तक रोजाना दो घंटे सुबह 10 से 12 बजे तक बच्चों को इस माध्यम से पढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस तकनीक से बच्चे बोर भी नहीं होंगे। स्टडी मैटेरियल को बच्चों के इंटरेस्ट के अनुसार तैयार किया गया है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि अभिभावकों को सही मायने में शिक्षक बनना होगा ताकि उनके बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो।
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