मंडी में भारी बारिश के कारण सामान्य जनजीवन पटरी से उतर गया है। वहीं भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं और नदी -नालों का जलस्तर बढ़ने के साथ ही इनमें भारी मलबा आना भी शुरू हो गया है। भूस्खलन के लिहाज से सबसे संवेदनशील माने जाने वाले कोटरोपी में फिर से नाले से भारी मलबा आया और इस कारण मंडी-पठानकोट एनएच 20 बाधित हो गया।
रात 2 बजे आया मलबा
यह मलबा रात करीब 2 बजे आया है। यहां से बहने वाले नाले में पानी के साथ भारी मलबा आ गया। पानी निकासी के लिए जो पाईप डाले गए थे वो भी ब्लाक हो गए और सारा मलबा सड़क पर आकर इकट्ठा हो गया। इसके कारण एनएच के नीचे वाली तरफ जो दलदल वाली मिट्टी थी उसका बहाव भी शुरू हो गया और यह पंदलाही गांव तक पहुंच गया।
दो घराट और एक पुल आए चपेट में
यहां गांव के दो घराट और एक पुल इसकी चपेट में आ गए।गनीमत यह रही कि प्रशासन द्वारा आईआईटी के सहयोग से लगाए गए सायरन काम आ गए और मलबा आने से पहले इनके बजने का सिलसिला शुरू हो गया। एहतियात के तौर पर ट्रैफिक रोक दिया गया। आए हुए मलबे को हटा दिया गया है और अस्थाई तौर पर एनएच पर यातायात को बहाल कर दिया गया है।
मैगल में भी दरकी पहाड़ी
वहीं इसी नेशनल हाईवे मैगल के पास भी पहाड़ी से भारी मलबा आया हुआ है। यहां पर करीब तीन स्थानों पर पहाड़ी दरकी है और भूस्खलन के कारण नेशनल हाईवे बाधित हो गया है। यहां रात करीब तीन बजे मलबा आने की घटना घटी। सुबह जेसीबी मशीन लगाकर मलबा हटाने का कार्य शुरू किया गया और कुछ समय बाद इसकी बहाली की उम्मीद जताई जा रही है।
यात्रियों को हुई परेशानी
यदि और मलबा नहीं आया तो एनएच जल्दी बहाल हो सकता है। वहीं एनएच बंद होने के कारण सैकड़ों देसी और विदेशी यात्री फंस गए हैं और सड़क बहाली का इंतजार कर रहे हैं।