काँगड़ा : काँगड़ा एयरपोर्ट पर बड़े विमानों को उतारने की योजना जल्द मूर्त रूप लेगी। प्रदेश सरकार ने इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज कर दिया है, वहीं एयरपोर्ट विस्तार को लेकर नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा डीपीआर बनाने की तैयारी चल रही है।
डीपीआर बनाने के बाद इसे मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। इसके बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा एयरपोर्ट का विस्तार किया जाना है।
एयपोर्ट विस्तार व टर्मिनल बिल्डिंग निर्माण का कार्य एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा किया जाना है, जबकि भूमि अधिग्रहण पर आने वाला खर्च प्रदेश सरकार वहन करेगी। पुणे की एक निजी कंपनी एयरपोर्ट विस्तार के लिए डिजाइनिंग का कार्य कर रही है।
प्रदेश नागरिक उड्डयन विभाग के उच्च अधिकारियों का कहना है कि एयरपोर्ट का विस्तार दो चरणों में किया जाएगा। एयरपोर्ट की वर्तमान में लंबाई 1372 मीटर है व अभी यहां एटीआर-42 विमान ही लैंड हो सकते हैं।
पहले चरण में विस्तार कार्य के अंतर्गत एयरपोर्ट की लंबाई को 1900 मीटर तक बढ़ाया जाएगा। इसके बाद दूसरे चरण में 3010 मीटर का विस्तार किया जाना है। एयरपोर्ट का विस्तार होने के बाद यहां एयरबस-320 जैसे बड़े विमान को आसानी से उतारा जा सकेगा।
बड़े विमान उतरने से पर्यटन कारोबार को भी बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने पहले बजट के दौरान धर्मशाला को पर्यटन राजधानी बनाने की घोषण की थी। इसके बाद कांगड़ा एयरपोर्ट विस्तार का प्रोजेक्ट उनकी प्राथमिकता में शामिल है।
मुआवजे की प्रक्रिया शुरू होगी
कांगड़ा एयरपोर्ट विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया इन दिनों युद्ध स्तर पर चल रही है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार एयरपोर्ट विस्तार के लिए आसपास की काफी भूमि का अधिग्रहण प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है।
यह प्रक्रिया जल्द पूरी होने की संभावना है। भूमि अधिग्रहण व मांझी खड्ड पर ब्रिज के निर्माण सहित करीब दो हजार करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा। भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में समाजिक प्रभाव आकलन को पूरा कर लिया गया है।
इसके बाद सरकार ने सेक्शन 11 की अधिसूचना भी जारी कर दी है। भूमि अधिग्रहण के लिए एक्सपर्ट ग्रुप कमेटी के सुझाव के बाद इसे मंजूरी मिल गई है। इसके बाद विस्तापितों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।