हिमाचल प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं की केवाईसी बंद

हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड की आर्थिक स्थिति को सुधारने में जुटी सरकार के फैसलों के खिलाफ कर्मचारी मुखर हैं। सरकार का तर्क है कि यहां पर सुधार करना जरूरी है, क्योंकि बोर्ड की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से डांवाडोल हो चुकी है।

इसके लिए कड़े कदम उठाने जरूरी हैं। हालांकि कर्मचारी इसका विरोध कर रहे हैं, जिन्होंने उपभोक्ताओं की ईकेवाईसी का काम रोक दिया है। इससे सरकार की एक महत्त्वपूर्ण योजना प्रभावित होगी।

राज्य में सरकार चाहती है कि एक बिजली मीटर पर ही सबसिडी दी जाए और वह तभी हो सकता है, जब सभी घरेलू उपभोक्ताओं की ईकेवाईसी होगी। इससे सरकार के पास पूरा डाटा होगा

और उसके आधार पर एक मीटर पर ही बिजली की सबसिडी मिलेगी। सरकार चाहती है कि जल्दी से जल्दी इस योजना को लागू किया जाए, मगर यहां कर्मचारियों ने रोड़ा अटका दिया है।

कर्मचारी इस बात से नाराज हैं कि बोर्ड में सुधारात्मक कदमों के नाम पर कई पदों को समाप्त कर दिया गया है और अभी कुछ और पदों को समाप्त किया जाना है।

इसके बंद होने से सरकारी योजना प्रभावित होगा। कर्मचारी लगातार संयुक्त मोर्चा बोर्ड द्वारा लिए जा रहे फैसलों को लेकर अपना मंथन कर रहे हैं और 28 अक्तूबर को अगला निर्णय लेंगे।

अब वह फैसला क्या हो सकता है, यह देखना होगा क्योंकि आने वाले दिनों में त्योहार आ रहा है। इन कर्मचारियों की मांग है कि बोर्ड में ओपीएस लागू किया जाए। इसके साथ अब पदों को समाप्त करने का ज्वलंत मुद्दा सामने आ गया है।

सूत्रों के अनुसार शनिवार को संयुक्त मोर्चा के नेता सचिवालय में मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान से मिले हैं, जिनके सामने उन्होंने पूरा मामला रखा है। अभी उनका ऊर्जा सचिव राकेश कंवर से मिलने का कार्यक्रम है।

सोमवार को यह मुलाकात हो सकती है और इसके साथ वह मुख्यमंत्री सुखविंदर ङ्क्षसह सुक्खू से भी मुलाकात करने की कोशिश करेंगे। सीएम सोमवार को शिमला में होंगे और उनसे बातचीत हो सकती है।

मुख्यमंत्री क्योंकि सभी कर्मचारियों को राहत दे रहे हैं और ऐसे में उम्मीद है कि उनसे बिजली बोर्ड कर्मचारियों को भी कुछ राहत मिल ही जाएगी।

अब इनका मामला कब तक हल होता है, यह देखना होगा। यह तय है कि सोमवार को भी बिजली बोर्ड कर्मचारी, उपभोक्ताओं की ईकेवाईसी नहीं करेंगे।

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