प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र के आखिरी दिन प्रश्रकाल तीन मिनट में ही निपट गया। यह स्थिति इसलिए हुई क्योंकि विधानसभा की कार्यवाही पिछले कल सोमवार तक के लिए थी मगर इसे एक दिन यानि मंगलवार के लिए एक्सटेंड किया गया था।
ऐसे में विधानसभा सचिवालय के पास कोई नए तारांकित सवाल नहीं थे और तारांकित सवालों में जितने सवाल बचे थे उनमें वही थे जिनकी सूचना अभी सरकार द्वारा जुटाए जाने को कहा गया था।
ऐसे में मात्र दो ऐसे सवाल थे जिनपर सरकार की ओर से सूचना थी जिन्हें सदन में लगा गया मगर इसमें से भी विधायक अबसेंट थे जिन्होंने यह सवाल उठाना था। ऐसे में जैसे ही प्रश्रकाल शुरू हुआ उसके तीन मिनट में ही निपट गया क्योंकि थोड़ा समय अध्यक्ष ने व्यवस्था में लगाया।
विधायक सतपाल सिंह सत्ती सदन में आज नहीं थे जिनका एक सवाल लोक निर्माण विभाग को बरसात में हुए नुकसान पर था।
लिखित रूप में इसकी जानकारी सदन में आई कि प्रदेश में वर्ष 2023 में पिछले साल बाढ़ एवं आपदा के कारण लोक निर्माण विभग के 115 छोटे व बड़े पुल बह गए। 483 पुलियां व 4707 सडक़ें पूर्णत: व आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए थे।
इनमें से 100 छोटे बड़े पुल, 458 पुलियां व 4694 सडक़ों का पुनर्निमाण एवं मुरम्मत की गई है। मंडलवार सदन में इसकी लिखित जानकारी रखी गई मगर यह सवाल उठाया नहीं जा सका।
एक अन्य सवाल की जानकारी सदन में लिखित रूप में रखी गई जिसमें पूछा गया था कि केन्द्रीय उपक्रमों की ओर से कैट प्लान का कितना पैसा मिला है।
यह सवाल केवल ङ्क्षसह पठानिया का था जो भी सदन में नहीं थे लिहाजा अलबत्ता भवानी पठानिया को उन्होंने अधिकृत था जो संतुष्ट थे।
इस सवाल को भी उठाया नहीं जा सका। इससें मंडलवार जानकारी दी गई और बताया गया कि 411 करोड़ रूपए की राशि कैट प्लान के तहत केन्द्रीय उपक्रमों की ओर से मिली है।
इस राशि से कितना पौधरोपण किया गया और इसकी सरवाइवल रेट क्या थी यह भी जानकारी लिखित में दी गई है।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने शुरूआत में ही यह सूचना दे दी थी कि मात्र दो ही सवालों के जवाब है क्योंकि सदन की कार्यवाही को एक दिन आगे बढ़ाया गया है।
ऐसे में प्रश्नकाल शुरू होते ही निपट गया और इसमें पक्ष व विपक्ष दोनों ने सहमति जताई कि प्रश्रकाल के आगे की कार्यवाही शुरू की जाए। पहली बार सदन में इस तरह से देखने को मिला है।