पेपर चैकिंग में 10वीं और 12वीं के लिए 9.50 व 11.50 रुपए भता बढ़ाया

धर्मशाला : स्कूली शिक्षा में प्रदेश भर में गुणवत्ता व एकरूपता बनाए रखने के लिए हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष एवं जिलाधीश कांगड़ा निपुण जिंदल तथा शिक्षा बोर्ड सचिव विशाल शर्मा के साथ आवश्यक बैठक की।

बैठक में संघ के प्रदेशाध्यक्ष विरेंद्र चौहान ने शिक्षा, शिक्षक व बच्चों से जुड़े 29 सूत्रीय एजैंडे पर क्रमवार बोर्ड मंडल के सामने रखा। सर्वप्रथम संघ द्वारा राज्य भर से राजधानी शिमला शिक्षा संबंधी कार्यों के लिए आने के लिए शिक्षक भवन निर्माण की मांग को रखा, जिस पर बोर्ड अध्यक्ष द्वारा पूर्ण विचार-विमर्श कर शीघ्र शिमला में 6 कनाल में भव्य बहुमंजिला भवन बनाने को स्वीकृति प्रदान की।

संघ द्वारा मांग की गई कि प्रदेश में परीक्षाओं को शीतकालीन इलाकों में दिसम्बर व ग्रीष्मकालीन क्षेत्रों में मार्च माह सुनिश्चित किया जाए।

साथ ही टर्म एग्जाम व्यवस्था को सी.बी.एस.ई. की तर्ज पर खत्म करते हुए वार्षिक प्रणाली शुरू की जाए। साथ ही दसवीं व बारहवीं की कक्षाओं की प्रैक्टीकल परीक्षाओं को एक्सटरनल किया जाए।

कक्षा पांचवीं व आठवीं की परीक्षाएं भी पूर्णतया बोर्ड द्वारा ही संचालित की जाएं। इन सब मांगों को बोर्ड प्रबंधन द्वारा मान लिया गया व बोर्ड परीक्षाओं में शिक्षकों द्वारा दी जाने वाली विभिन्न तरह की ड्यूटियों के लिए दिए जाने वाले मानदेय में वृद्धि की मांग की गई।

शिक्षकों की इस मांग को प्रमुखता से रखते हुए प्रबंधन ने मौके पर ही इन दरों को बढ़ा दिया। पेपर चैकिंग के लिए शिक्षकों को मिलने वाले भत्ते में 10वीं ओर 12वीं के लिए क्रमश 9.50 व 11.50 रुपए बढ़ाया गया।

इसी तरह सुपरिंटैंडैंट, डिप्टी सुपरिटैंडैंट के मानदेय में 10 रुपए, पेपर सिटिंग प्लान व क्लास फोर के मानदेय में भी वृद्धि की गई।

यही नहीं, इस मानदेय संबंधित अध्यापकों के खाते में त्वरित आबंटन की मांग की गई, जिस पर बोर्ड प्रबंधन ने इस लिए यथाशीघ्र साइट बना कर निर्धारित समय में मेहनताना देने के लिए एक्शन लिया।

शिक्षक संघ की चिरकाल से लंबित मांगों में प्रश्न पत्र संग्रह व उत्तरपुस्तिका जमा करवाने के लिए केंद्र व्यावहारिक परिस्थितियों को ध्यान में रख कर बनाने की मांग की, जिस पर प्रबंधन ने उचित ठहराते हुए इसे मौके पर ही हल करते हुए शिक्षकों को बहुत बड़ी राहत दी।

एक और मांग में जिला से बाहर तैनात शिक्षकों को अंतर जिला परीक्षा ड्यूटी में इच्छित स्थान पर तैनाती की व्यवस्था की मांग की, जिसको मान लिया गया। स्कूल प्रबंधन समिति के माध्यम से अध्यापकों को परीक्षा ड्यूटी के लिए पत्र माना जाए।

जिस पर सहमति व्यक्त करते हुए ऐसे अध्यापकों को इसी सत्र से परीक्षाओं में लगाया जाएगा। उधर, राज्य प्रैस सचिव संजय चौधरी ने बताया कि ऐसी मांगें शिक्षक व शिक्षा हित में सभी प्रकार के वर्गों के शिक्षकों के लिए लाभदायक रहेंगी। साथ ही शिक्षा गुणवत्ता भी सुनिश्चित होगी।

अन्य मांगों में एस.ओ.एस. परीक्षाओं में भी सख्ती तथा कैमरों के संचालन सुनिश्चित करने की मांग की गई, जिसे मान लिया गया। बैठक से पहले संघ के पदाधिकारियों की आम सभा संपन्न हुई और उसके बाद प्रैस वार्ता की गई।

प्रैस वार्ता के दौरान प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि दो बार परीक्षाएं होने के चलते शिक्षकों को बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। इसलिए टर्म सिस्टम को बंद किया जाए।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों में 25 बच्चे हैं और उन्हें बद किया गया है, इसकी संख्या 20 बच्चे की जाए। साथ ही जहां 4 से 5 किलोमीटर तक कोई स्कूल न हो और बच्चों की संख्या 25 से कम हो तो ऐसे स्कूलों को बंद न किया जाए।

उन्होंने कहा कि बच्चों के हित व शिक्षा में सुधार को लेकर जल्द सरकार के साथ चर्चा की जाएगी। बैठक में प्रदेशाध्यक्ष विरेंद्र, प्रदेश चेयरमैन सचिन जसवाल, महासचिव मनोज कुमार शर्मा, चीफ पैटर्न अरुण गुलेरिया, वित्त सचिव सुनील शर्मा, नवीन भंडारी, कुलदीप शर्मा, तिलक नायक, हरि प्रसाद, डा. किशोरी लाल, राजेश गौतम, राकेश संधू, वीरभद्र नेगी, रणधीर राणा, हरि प्रसाद, रमेश भारती व शांति स्वरूप आदि शामिल रहे।

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