मनाली में लगभग 9,000 फीट की ऊंचाई पर सेथन में स्नो इग्लू पर्यटकों को भा गए हैं। हालांकि बर्फबारी देरी से होने के कारण हामटा में इस बार इग्लू नहीं बने हैं। 5,500 रुपये प्रति पर्यटक प्रति रात की दर से पैकेज बनाकर यहां पहुंचा जा सकता है।
यह है पैकेज
इस पैकेज में रहना, तीन समय का खाना तो है ही, साथ में पर्यटक स्कीइंग, ट्यूब स्लाइड जैसी शीतकालीन खेलों का भी लुत्फ ले सकते हैं।। मनाली के युवा टशी और विकास वर्ष 2016 से इग्लू बना रहे हैं।
यह है खासियत
इग्लू की खासियत यह है कि बाहर जितनी भी ठंड हो इसके भीतर तापमान माइनस दो डिग्री से कम नही होता। इग्लू को देखने और रहने के लिए सैलानी और स्थानीय लोग काफी उत्सुक हैं।
रोमांच से भरपूर
मनाली की बर्फीली घाटी में बर्फ के बीच खून जमा देने वाली ठंड में बर्फ के घर में रहने का अलग ही रोमांच है। टशी ने बताया कि उन्होंने 2016 में इग्लू बनाने शुरू किए थे। दो वर्ष तक सिर्फ इनका अध्ययन किया गया। उनके अनुसार बर्फीली वादियों में इग्लू आकर्षण का केंद्र है।
ऐसे बनाया जाता है इग्लू
बर्फ के घर बनाने में कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। क्रेट में बर्फ भरने के बाद उसे अच्छे से दबाया जाता है। जिसे उल्टा कर निकालकर ईंट या ब्लॉक का आकार बनता है। शून्य से नीचे के तापमान में ब्लॉक जमने के बाद बाकायदा चिनाई की जाती है।
कुछ दिन ही टिक सकते हैं इग्लू
इस साल बर्फबारी देरी से हुई है। तापमान में भी बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में फरवरी में ही इग्लू में रहा जा सकता है। हां पुनः बर्फबारी हुई तो इग्लू कुछ दिन और टिक सकते है। टशी ने बताया कि दिसंबर में बर्फबारी हो तो फरवरी तक इग्लू रहते हैं। इसके बाद तापमान बढ़ने से बर्फ पिघलने की रफ्तार बढ़ जाती है।