हिमाचल प्रदेश में पैराग्लाइडिंग के चलते हो रहे बड़े हादसों के चलते टूरिज्म विभाग ने कड़ा संज्ञान लिया है। दरअसल पैराग्लाइडर नियमों को दरकिनार कर रहे हैं, जिस कारण प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से पैराग्लाइडिंग की शिकायतें मिल रही हैं।
ऐसे में अब यदि नियमों की अवहेलना होगी, तो सीधे तौर पर लाइसेंस रद्द होगा। इसके साथ ही पैराग्लाइडर के लिए एसआईवी कोर्स करना जरूरी होगा।
इसके साथ ही टूरिज्म विभाग में इनका रजिस्ट्रेशन करवाना होगा और रजिस्टर्ड पैराग्लाइडर को दो साल का कोर्स करना अनिवार्य होगा।
पौंग डैम मनाली के तहत आने वाले क्षेत्र में अभी 150 पैराग्लाइडर रजिस्टर्ड हैं। ऐसे में सभी के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी होगा। कोर्स न करने की सूरत में लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
ज़ारी हुए जरूरी दिशा निर्देश
इस बारे में टूरिज्म विभाग की ओर से सभी जिलों के डीटीओ और डिप्टी डायरेक्टर को जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
इसमें कहा गया है कि अधिकारी संबंधित स्पॉट का विजिट करेंगे और साथ ही यदि किसी भी तरह की अनियमितता पाई जाती है, तो तुरंत प्रभाव से इसमें कार्रवाई की जाएगी।
पर्यटन विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार अगर पैराग्लाइडिंग में नियमों दरकिनार किए, तो पैराग्लाइडर का लाइसेंस रद्द किया जाएगा।
लापरवाही से लगातार बढ़ी रही घटनाएं
हिमाचल में लगातार पैराग्लाइडिंग के दौरान हादसे देखने को मिले हैं, जिसमें पैराग्लाइडर की लापरवाही के चलते लोगों को जान से हाथ धोना पड़ रहा है। हिमाचल प्रदेश के बीड़ बिलिंग में पैराग्लाइडिंग हादसे में नोएडा की महिला पायलट की जान चली गई थी।
महिला पायलट यहां करीब एक साल से पैराग्लाइडिंग करती आ रही थी तथा एक अनुभवी पायलट थी, उसके बाद भी हादसा हो गया था। इसके साथ ही एक अन्य मामले में कुल्लू जिला की डोभी साइट में पैराग्लाइडिंग करते समय एक महिला पर्यटक की गिरकर मौत हो गई थी।
हादसा इतना दर्दनाक था कि महिला पर्यटक ऊंचाई से एक मकान की छत पर जा गिरी, जिससे उसके चिथड़े उड़ गए।