ऐतिहासिक ट्रॉली को जल्द मिलेगा नया स्वरूप

जोगिन्दरनगर : 1928 में इंगलैंड के इंजीनियर तथा शानन पॉवर प्रोजेक्ट के संस्थापक कर्नल वीसी बैट्टी ने एशिया के पहले रोपवे पर चलने वाली ऐतिहासिक ट्रॉली की स्थापना की थी जिसे अब जल्द ही नया स्वरूप मिलने वाला है. इस पर पंजाब राज्य बिजली बोर्ड करीब तीस लाख रुपए खर्च करेगा.

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कर्नल वीसी बैट्टी ने बरोट स्थित डैम के पानी को शानन पॉवर हाउस तक पहुँचाने व इसके रखरखाव हेतु कर्मचारियों के आवागमन के लिए रोपवे बना कर ट्रॉली सुविधा शुरू की थी. वर्तमान में ट्रॉली हैड गियर,18 नम्बर तक ही पहुँच पाती है क्योंकि इसे ऊपर व नीचे खींचने वाले 38 एमएम व 29 एमएम के लोहे के रस्सों की हालत जंग लगने से खराब हो चुकी है. इस कारण न तो अधिक बोझ ढोया जा सकता है और न ही इसे बीच कैम्प और ज़ीरो प्वाइंट पर स्थित बरोट पर्यटक स्थल तक भेजा जा सकता है.

ट्रॉली को ऊपर खींचने वाले 28 एमएम के 1600 मीटर लम्बे लोहे के रस्से को बदला जाएगा व नीचे धकेलने वाले 29 एमएम के 20.25 मीटर लम्बे रस्से को भी बदला जाएगा. ट्रैक के नीचे बिछे लकड़ी के स्लीपरों में 60 से अधिक को बदला जा चुका है व अन्य स्लीपरों को बदलने का काम भी जल्द ही शुरू होने वाला है. ट्रॉली में बैठने के लिए उचित व्यवस्था की जाएगी. एतिहासिक ट्रॉली रंग – रोगन व छतों को भी ठीक करवाया जाएगा.

स्रोत : जागरण