प्रदेश सरकार की ओर से केंद्र को 45 सड़कों का प्रस्ताव भेजा गया है। इन सभी सड़कों की कुल लंबाई 440 किलोमीटर होगी। इन सड़कों के निर्माण पर 552 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इससे पूर्व 31 मार्च को समाप्त हो रहे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के द्वितीय चरण को केंद्र सरकार ने उत्तर भारत में छह माह के लिए आगे बढ़ा दिया है। अब सितंबर माह तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्य पूरे किए जा सकेंगे। इस मियाद के बढऩे से प्रदेश को 1200 करोड़ रुपए का फायदा हुआ है।
समूचे उत्तर भारत में यह रियायत चुनाव से ठीक पहले दी गई है। उत्तर प्रदेश को भी इस दायरे में रखा गया है और उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के प्रोजेक्ट चल रहे हैं। गौर हो कि पीएमजीएसवाई का तीसरा चरण शुरू होने जा रहा है।
इसमें पूर्व के दो चरणों में निर्मित सड़कों का रखरखाव, उनकी चौड़ाई बढ़ाने समेत सड़कों को स्कूलों और मुख्यालय से जोडऩे की कवायद छेड़ी जाएगी। लोक निर्माण विभाग के प्रधान सचिव सुभाशीष पांडा ने कहा है कि आगामी छह माह में विभाग कार्यों को पूरा कर लेगा।
शिमला-सोलन के बीच एनएच पर चार्ज होंगी गाडिय़ां
कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर जल्द ही चार्जिंग प्वाइंट बनाए जाएंगे। नई वाहन नीति को सुचारू करने के मकसद से यह कदम उठाए जा रहे हैं। नेशनल हाईवे पर चार्जिंग प्वाइंट स्थापित करने को लेकर केंद्र सरकार से आदेश जारी हुए हैं।
एनएचएआई ने शिमला और सोलन जिला के मध्य में एनएच पर चार्जिंग स्टेशन बनाने को स्वीकृति दी है। एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित के अनुसार इस नेशनल हाईवे को ग्रीन-ई-मोबलिटी के तहत विकसित किया जाएगा।