एक तरफ जहां पूरा हिमाचल प्रदेश 1905 के भूकंप त्रासदी जैसी आपदा से बचने के लिए गुरुवार को मॉकड्रिल कर अपनी तैयारियों की परख कर रहा था, उसी बीच रात को भूकंप के झटकों ने सारे हिमाचल की नींद उड़ा दी।
रात 9 बजकर 29 मिनट
गुरुवार रात्रि 9.29 मिनट पर आया भूकंप कोई चलता-फिरता भूकंप नहीं था। बल्कि इसकी तीव्रता 5.3 थी। भूकंप का केंद्र भी हिमाचल का चंबा था।
लोग हुए अलर्ट
जैसे ही भूकंप की हलचल हुई प्रदेशभर में लोग घरों से बाहर निकल आए और एक-दूसरे को अलर्ट किया। लोगों के मन में खौफ था कहीं यह 1905 की पुर्नावृति तो नहीं है।
जानमाल का कोई नुक्सान नहीं
हालांकि समाचार लिखे जाने तक कहीं से भी जानमाल की सूचना नहीं थी। चंबा, कांगड़ा, सोलन, सिरमौर, मंडी, कुल्लू के कई हिस्सों में भूकंप की तीव्रता का खासा असर दिखा।
4 अप्रैल को हुआ था भारी नुक्सान
4 अप्रैल 1905 को कांगड़ा में आये भूकंप के चलते भारी त्रासदी देखने को मिली थी, जिसमें हजारों लोगों ने अपनी जान गवाई थी.
करोड़ों रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था. आज इस हादसे को गुजरे 119 साल पूरे हो चुके हैं और भविष्य में प्रदेश में इस तरह की त्रासदी आने वाले इससे निपटने के लिए मॉकड्रील का आयोजन किया जा रहा है.