हिमाचल प्रदेश का नया मंत्रिमंडल हुआ तय

शिमला : मंत्रिमंडल विस्तार के फंसे पेंच को सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर दिल्ली पहुंच गए हैं। शनिवार शाम मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर मंत्रिमंडल विस्तार तथा फेरबदल की कवायद को अमलीजामा पहना दिया है। इससे पहले गुरुवार को जयराम ठाकुर ने पीटरहॉफ शिमला में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मंत्रणा कर मंत्रिमंडल के नए चेहरे का प्रारूप तय किया था।

गृह मंत्री से मिले सीएम

भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ दो दिन व्यस्त रहे मुख्यमंत्री शनिवार दोपहर दिल्ली के लिए रवाना हो गए। पुख्ता सूचना के अनुसार शाम साढ़े छह बजे जयराम ठाकुर दिल्ली स्थित कृष्णा मेनन मार्ग -6ए में केंद्रीय गृह मंत्री के सरकारी आवास पर पहुंचे। करीब डेढ़ घंटे तक अमित शाह से मंत्रणा करने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश के नए मंत्रिमंडल का चेहरा तय कर लिया है। सीएम ने केंद्रीय मंत्री के समक्ष अपने मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड भी रखा। इस आधार पर उनके विभागों में फेरबदल पर चर्चा हुई है।

पेश की विधायकों की परफार्मेंस

मुख्यमंत्री ने जातीय तथा क्षेत्रीय समीकरणों के अलावा विधायकों की परफारमेंस को भी अमित शाह के समक्ष पेश किया। इस फॉरमेट के आधार पर नए मंत्रियों के नाम तय किए गए हैं। रविवार को दिल्ली से लौटकर मुख्यमंत्री इस पर स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं। चर्चा है कि मौजूदा मंत्रिमंडल के एक सदस्य को राज्यसभा भेजा जा सकता है। जाहिर है कि इसी माह विप्लव ठाकुर का राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। इस पद के लिए भाजपा के कई नेता प्रबल दावेदारी जता रहे हैं। बताया जा रहा है कि भाजपा के महामंत्री त्रिलोक कपूर और महिला नेत्री इंदू गोस्वामी इस पद के लिए अपना मजबूत दावा पेश कर रहे हैं। इसके अलावा पूर्व राज्यसभा सदस्य कृपाल परमार भी राज्यसभा के लिए प्रयास कर रहे हैं। इन प्रबल दावेदारों के बावजूद इस सीट पर जयराम सरकार के एक मंत्री को दिल्ली भेजने की तैयारी है।

मंत्रियों के चार पद होंगे खाली

दिलचस्प है कि इसके बाद जयराम सरकार में मंत्रियों के चार पद खाली हो जाएंगे। उल्लेखनीय है कि कांगड़ा-चंबा संसदीय क्षेत्र से लोकसभा प्रत्याशी बनाए गए किशन कपूर के सांसद निर्वाचित होने से मंत्री पद खाली हुआ है। मंडी सदर के विधायक अनिल शर्मा ने बेटे की खातिर मंत्री पद से त्याग पत्र दिया है। इसके बाद विपिन सिंह परमार को मंत्री पद से हटाकर विधानसभा अध्यक्ष के पद पर तैनात किया है। लिहाजा मंत्रिमंडल में खाली हुए इन तीन पदों में एंट्री मारने के लिए कई तलबगार जबरदस्त लॉबिंग कर रहे हैं। अब चर्चा है कि एक मंत्री के राज्यसभा भेजे जाने के बाद चार पद खाली हो सकते हैं। इन परिस्थितियों में मंत्रिमंडल का विस्तार व फेरबदल तुरंत प्रभाव से होना लाजिमी है।

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