शिमला : प्रदेश सरकार कर्मचारियों के तबादले किसी भी समय करने का हक रखती है। कर्मचारी किसी निश्चित अवधि के लिए एक ही स्थान पर सेवाएं देने का कोई हक नहीं रखते। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने तीन वर्ष के सामान्य कार्यकाल को पूरा न करने देने से जुड़े मामले को खारिज करते हुए यह स्पष्ट किया।
प्रार्थी अब्दुल हमीद ने एक साल चार महीने में ही हुए अपने तबादला आदेशों को हाई कोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सरकार जनहित अथवा प्रशासनिक आवश्यकता पडऩे पर कभी भी अपने कर्मचारियों के तबादले करने का हक रखती है।
मामले के अनुसार प्रार्थी को चुराह वन मंडल से तुंदह वाइल्डलाइफ ब्लॉक खज्जियार को प्रशासनिक आवश्यकता के आधार पर स्थानांतरित किया गया था।
प्रार्थी का आरोप था कि उसे एक साल चार महीने के भीतर ही स्थानांतरित कर दिया गया, जबकि सरकार की ट्रांसफर पॉलिसी के आधार पर उसे तीन वर्ष के सामान्य कार्यकाल को पूरा किए बगैर स्थानांतरित नहीं किया जा सकता।
प्रार्थी ने उसे डीओ नोट के आधार पर स्थानांतरित करने का आरोप भी लगाया था। कोर्ट ने प्रार्थी की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि ट्रांसफर पॉलिसी में एक कर्मचारी का सामान्य कार्यकाल तीन वर्ष तो है, परंतु इसे पूर्ण जनादेश नहीं कहा जा सकता।
सरकार जनहित अथवा प्रशासनिक आवश्यकता पडऩे पर कभी भी अपने कर्मचारियों के तबादले करने का हक रखती है। सरकार ने प्रार्थी के तबादले को डीओ नोट के आधार पर करने के आरोप को भी नकार दिया था।