रेल विस्तार में रफ्तार नहीं पकड़ पाया हिमाचल

केन्द्रीय रेल बजट में पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश को हर बार रेड सिग्नल ही मिलता आ रहा है। यही कारण है कि जिस गति से हिमाचल प्रदेश में रेल सुविधाओं का विस्तार होना चाहिए था वह आज दिन तक नहीं हो पाया।

हिमाचल प्रदेश की जनता आज भी ब्रॉड गेज रेल लाइन की उम्मीद लगाए हुए है, हर बजट में ऊना, कांगड़ा, हमीरपुर और बिलासपुर समेत अन्य जिलों में जनता को केंद्रीय रेल बजट में कुछ बड़ा मिलने की उम्मीद तो रहती है, लेकिन हर बार रेल बजट में स्थानीय जनता को रेड सिग्नल दिखा दिया जाता है।

ऊना जिला के औद्योगिक क्षेत्रों को रेल लाइन से जोड़ने की उम्मीदें भी आज तक पूरी नहीं को सकीं। इस सरहदी रेलवे स्टेशन पर आसपास के लगभग दो दर्जन गांवों के लोगों को ट्रेन में चढ़ने तथा उतरने की बड़ी सुविधा थी, जिसे अब बंद कर दिया गया है।

हिमाचल प्रदेश के प्रवेश द्वार पर बने रायमैहतपुर रेलवे स्टेशन पर तो स्थानीय इलाके के लोगों को मिलने वाली सुविधाएं ही छीन ली गई हैं। ऊना जिला के औद्योगिक क्षेत्रों को रेल लाइन से जोड़ने की उम्मीदें भी आज तक पूरी नहीं को सकीं। इस सरहदी रेलवे स्टेशन पर आसपास के लगभग दो दर्जन गांवों के लोगों को ट्रेन में चढ़ने तथा उतरने की बड़ी सुविधा थी, जिसे अब बंद कर दिया गया है।

रेल विस्तार की रफ्तार इस कदर धीमी है कि दशकों के इंतजार के बाद अब कहीं जाकर रेल दौलतपुर तक पहुंच पाई है। ऊना से हमीरपुर को जोड़ने वाली रेल लाइन का सर्वे तथा विस्तार का काम भी बेहद धीमी रफ्तार में है। ऊना से होशियारपुर बाया जैजों रेलवे लाइन को लेकर 1964 में हुए रूट सर्वे की फाइल कहां दफन है कोई नहीं जानता।

उद्योग संघ के अध्यक्ष उद्यमी चमन सिंह कपूर, प्रो. योगेश सूद, व्यापार मंडल प्रधान सुभाष ऐरी, अधिवक्ता शिवदत्त वशिष्ठ, समाजसेवी संजीव सोनी, डॉ. केआर आर्य समेत अनेक अन्य लोगों ने कहा कि केंद्रीय रेल बजट से इस बार अनेक उम्मीदें हैं।

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