हिमाचल प्रदेश पिछले 3 महीनो से सूखे की मार झेल रहा है। सूखे के कारण प्रदेश के किसानों व बागबानों की चिंताए बढ़ गई है। ऐसा इसलिए, क्योंकि बारिश न होने से किसानो-बागबानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
बारिश न होने के कारण जहां सेब की फसल पर संकट मंडराने लग गया है, वहीं निचले क्षेत्रों में रबी की फसलों पर भी सूखे का असर साफ तौर पर दिखने लगा है।
उद्यान विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में सूखे जैसी स्थिति से निपटने के लिए बागबानी विभाग द्वारा जिला कार्यालयों को एक करोड़ रुपए की धनराशि एवं आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
सूखे से हुए नुकसान का आकलन करने के पश्चात इस स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक सामग्री जैसे पौध सामग्री, पानी के टैंक, पाइप्स, दवाइयां एवं सूक्ष्म पोषक तत्व प्रदान करने के लिए इस धनराशि का उपयोग किया जाएगा।
नमी बचाएं किसान-बागवान
विभाग ने बागबानों को सलाह दी है कि प्रदेश में इस स्थिति में नुकसान को कम करने के लिए उन्हें नमी का संरक्षण करना चाहिए। इसके लिए खेतों मे प्लास्टिक मल्च का प्रयोग करें।
पेड़ के तौलिये में जैविक पदार्थ जैसे की सूखी घास एवं धान की तूड़ी इत्यादि का उपयोग नमी को संरक्षित करने के लिए भी किया जा सकता है।
सूखे के दौरान पौधों में बोरोन और कैल्शियम की कमी हो जाती है। इस कमी को दूर करने के लिए 0.1 प्रतिशत बोरिक एसिड एवं 0.5 प्रतिशत कैल्शियम क्लोराइड का प्रयोग करें।