निरमंड — वह बिना चश्मे के एक कदम तक नहीं चल सकता था। जिंदगी का हर छोटा-बड़ा काम चश्मे के सहारे ही हो रहा था, पर श्रीखंड कैलाश ने ऐसा चमत्कार दिखाया कि चुटकियों में आंखों की रोशनी आ गई। जी हां! यह चमत्कार सोलन के 43 वर्षीय राम किशन के साथ हुआ है।
जानकारी के अुनसार सोलन जिला के जाबली निवासी राम किशन अपने दस साथियों संग श्रीखंड महादेव कैलाश यात्रा के लिए गए थे। इसी बीच यात्रा के बीच रास्ते में उन्होंने नैन सरोवर के पवित्र जल से आंखे धोईं तो एकदम से उनकी आंखों की पूरी रोशन आ गई। राम किशन ने बताया कि वह करीब 20 वर्षों से 7.1 नंबर का चश्मा पहन रहे थे तथा बिना चश्मे के एक कदम भी नहीं चल पाते थे। श्री खंड यात्रा के लिए भी वह चश्मा पहन कर निकले थे।
यात्रा के मध्य जब वह नैन सरोवर पहुंचे तो वहां के पवित्र जल से जैसे ही आंखें धोईं तो उनकी आंखों में एकदम नई चमक आई। इसके बाद उन्होंने पाया कि उनकी आंखों की पूरी रोशनी लौट आई है तथा वह अब बिना चश्मे के भी साफ देख पा रहे हैं। इसके बाद उन्होंने पूरी यात्रा बिना चश्मे के ही तय की। यही नहीं, उनका सालों पुरानी सिर दर्द भी छू मंतर हो गई। कसौली के विंनएस रिजॉर्ट में कार्यरत किशन ने बताया कि यात्रा से लौटने के बाद भी अब उन्हें चश्मे की जरा भी जरूरत नहीं रह गई है। न उनके सिर में दर्द है और न ही कोई दवाई लेने की जरूरत पड़ रही है।
किशन ने बताया कि वह नैन सरोवर से चलकर जब श्रीखंड महादेव के पवित्र शिवलिंग के दर्शन कर रहे थे तो भोले नाथ के इस चमत्कार पर फूट-फूट कर रो पड़े। उन्होंने बताया कि श्रीखंड यात्रा पर जाने के लिए उनके होटल मालिक सुनित दीप चड्ढा ने प्रेरित किया। सुनित चड्ढा का कहना है कि भोले नाथ के इस साक्षात चमत्कार को लेकर हर कोई अचंभित है। उनका कहना है कि वह अगले वर्ष भी श्रीखंड महादेव यात्रा पर जरूर जाएंगे।
स्रोत : दिव्या हिमाचल