जिला काँगड़ा में स्थित सुप्रसिद्ध धार्मिक स्थल गुग्गा छतरी मंदिर सलोह में बुधवार को पूरे विधिविधान व पूजा-अर्चना के बाद दस दिनों तक चलने वाले उत्सव का शांतिपूर्ण ढंग से समापन हो गया।
गौरतलब है कि मंगलवार देर शाम को मंदिर में बाबा जी की पूजा-अर्चना व आरती के बाद जागरण संपन्न हुआ। इस मौके पर देर शाम नौ बजे से लेकर एक बजे तक मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा।
रात में जागरण के समय आस्था का इतना सैलाब उमड़ा कि मंदिर में तिल धरने तक जगह नहीं बची थी, क्योंकि जागरण की रात को ही पीडि़तों को अपने दुखों व कष्टों से छुटकारा मिलता है। ऐसे में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने बाबा जी के दर्शन कर अपने आपको निहाल किया।
इसी के साथ दस दिन तक चलने वाले इस उत्सव का बुधवार दोपहर 12 बजे शांति हवन व पूजा-अर्चना के साथ समापन हो गया। साथ ही मंदिर के पुजारी व चेलों ने पूजा-अर्चना के बाद छतर उतार कर उत्सव का समापन किया।
इस दौरान मंदिर में भक्तों द्वारा भजन-कीर्तन के साथ माहौल भक्ति में हो गया और मंदिर चारों तरफ से बाबा जी के जयकारों के साथ गूंज उठा। मंदिर पुजारी वेद प्रकाश ने बताया कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष मंदिर में ज्यादा रौनकें देखने को मिली।
साथ ही इस उत्सव को सफल बनाने में बाबाजी के भक्तों व आम जनमानस का पूरा सहयोग रहा। इस दौरान मंदिर कमेटी द्वारा बताया गया कि इस धार्मिक उत्सव को सफल बनाने के लिए प्रशासन व पुलिस प्रशासन का भरपूर सहयोग रहा।
इस दौरान उनके साथ अक्षय पुजारी, अक्षय चौधरी, काकू चौधरी, मिलाप चंद, बाबू राम, उत्तम चंद, सुरेंद्र कुमार, ज्ञान चंद, चंदूलाल, ईश्वर दास, प्रेमचंद, गिरधारी लाल, सुभाष चंद, ध्यान चंद, पंकज, बंसी लाल, विजय कुमार, निखिल चौधरी, रवि आदि उपस्थित रहे। साथ ही मंदिर पुजारी द्वारा बताया गया कि इस उत्सव के समाप्त होते ही बाबा जी की पूजा-अर्चना के बाद ढोल की ताल पर टमक बजाया गया।
इसके बाद तीन दिवसीय स्थानीय मेले का शुभारंभ हो गया है।
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