हिमाचल में चुनाव आचार संहिता के दौर में चुनिंदा पात्र महिलाओं को 1500 रुपए हर महीने देने की स्कीम के फॉर्म नहीं भरवाए जा सकेंगे।
भाजपा की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने इस बारे में राज्य सरकार को पत्र भेजा है। इस पत्र के निर्देशों से ऐसा लगता है कि चुनाव आचार संहिता जब तक है, तब तक नए फॉर्म नहीं लिए जा सकेंगे।
चुनाव आयोग ने संबंधित विभाग से इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना का सारा डाटा मांगा है। इसमें कहा गया है कि कोड ऑफ कंडक्ट लगने से पहले और बाद में कितने फॉर्म रिसीव हुए थे और कितने मंजूर किए गए तथा कितने पेंडिंग बचे हैं?
सारी जानकारी उपलब्ध करवाई जाए। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव ने एम्पावरमेंट का एससी, ओबीसी, माइनॉरिटी एंड स्पेशली एबल्ड विभाग यानी ई-सोमसा की निदेशक को बुधवार को पत्र भेजा है।
इसमें कहा गया है कि विभाग चुनाव आचार संहिता के पैरा चार को देखें, जिसमें यह कहा गया है कि लाभार्थी लक्षित किसी भी योजना की प्रोसेसिंग चुनाव आचार संहिता के बीच में नहीं होगी।
इसके बाद सचिव ने इस पत्र की कॉपी सभी जिलों के उपायुक्त और जिला कल्याण अधिकारियों को भी भेज दी है। हालांकि ई-सोमसा विभाग को स्कीम को लेकर स्पष्ट आदेशों की जरूरत है।
योजना पर भाजपा नेताओं ने उठाए थे सवाल
लोकसभा चुनाव घोषित होने से ठीक पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रेस वार्ता के जरिए इस स्कीम को पूरे प्रदेश में लागू करने की घोषणा की थी।
उसके बाद से निर्धारित प्रपत्र पर फील्ड में आवेदन लेना शुरू हो गए। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भाजपा विधायकों के साथ मिलकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन दिया था, जिसमें यह आरोप लगाया था कि इस स्कीम के नाम पर महिलाओं को ठगा जा रहा है।