हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग के भंग होने के बाद पेंडिंग भर्तियों के मामले में हिमाचल सरकार अब एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। राज्य चयन आयोग कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट यानी डीबीटी के जरिए पहला एग्जाम लेने जा रहा है।
पायलट आधार पर यह एग्जाम टीसीएस यानी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज से करवाया जाएगा। यह भर्ती परीक्षा ऑपरेशन थिएटर असिस्टेंट की होगी। ओटीए पोस्ट कोड 1073 में कुल 162 पद हैं और इसमें हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग द्वारा लिए गए आवेदनों में 1848 आवेदक हैं।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने बताया कि फिलहाल पायलट आधार पर यह एग्जाम करवाया जा रहा है। सभी स्कूल और कालेजों के कम्प्यूटर सिस्टम मिलाकर करीब 2500 कम्प्यूटर एग्जाम लेने के लिए उपलब्ध हैं।
यही वजह है कि ऐसा एग्जाम चुना गया है, जिसके आवेदक अढ़ाई हजार से कम हैं। हालांकि हिमाचल में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट भर्ती के लिए डेढ़ लाख तक आवेदक भी आते हैं।
ऐसे में बड़ी भर्ती परीक्षाओं को लेकर व्यवस्था क्या होगी, यह सवाल अब भी है। ऑपरेशन थिएटर असिस्टेंट भर्ती को इससे पहल पब्लिक सर्विस कमीशन को भी दे दिया गया था। हालांकि अभी राज्य चयन आयोग को लेकर फॉर्मेट फाइनल नहीं हुआ है।
इसके लिए राज्य सरकार दीपक सानंद कमेटी की फाइनल रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। 25 नवंबर के बाद यह रिपोर्ट कभी भी मिल सकती है। दिसंबर महीने के पहले सप्ताह में दीपक सानंद विदेश जा रहे हैं और कुछ महीने के बाद लौटेंगे।
इसीलिए यह कमेटी पहले अपनी रिपोर्ट देकर जाएगी। इस रिपोर्ट के आधार पर ही सरकारी तय करेगी कि राज्य चयन आयोग हमीरपुर में एक अध्यक्ष और कितने मेंबर साथ में लगते हैं?
उसके बाद नया आयोग ही कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट से परीक्षाएं करवाने के लिए एजेंसी का चयन करेगा। सिर्फ नॉमिनेशंस के आधार पर टाटा कंसल्टेंसी सर्विस को चुन लेने से बाद में सवाल भी उठ सकते हैं।
जेबीटी बैचवाइज भर्ती की काउंसिलिंग प्रक्रिया भी हाई कोर्ट पहुंच गई है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि एनसीटीई की गाइडलाइन के अनुसार पात्र होने के बावजूद उन्हें काउंसिलिंग के लिए नहीं बुलाया गया है।
हालांकि कोर्ट में ही एडवोकेट जनरल के माध्यम से कहा गया की याचिकाकर्ता जेबीटी भर्ती नियमों के अनुसार पात्र नहीं है, इसलिए इन्हें काउंसिलिंग में नहीं बुलाया गया।
हाई कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 12 दिसंबर, 2023 को रखी है। साथ ही यह भी कह दिया है कि काउंसिलिंग प्रक्रिया जारी रहेगी, लेकिन कोर्ट को पूछे बिना नियुक्ति नहीं दी जाएगी।