हिमाचल में 16 जून से 15 अगस्त तक मछली के शिकार पर रहेगी रोक

शिमला : मछली खाने के शौकीनों को आगामी 2 माह तक इससे महरूम रहना पड़ेगा। राज्य के जलाशयों एवं सामान्य नदी-नालों व इनकी सहायक नदियों में 16 जून से 15 अगस्त तक मछली पकड़ने पर रोक रहेगी।

बीज डालने और मत्स्य प्रजनन को लेकर हर वर्ष 2 माह तक यह प्रतिबंध रहता है। इस दौरान शरारती तत्वों पर नजर रखने के लिए फ्लाइंग स्क्वायड द्वारा भी निगरानी की जाएगी, वहीं प्रदेश के सभी 5 बड़े जलाशयों में कैंप लगाए जाएंगे।

अवहेलना करने वालों को 3 वर्ष तक की कैद और 5000 रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। पहले यह प्रतिबंध हर साल पहली जून से 13 अगस्त तक रहता था लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है तथा अब 16 जून से 15 अगस्त तक मत्स्य आखेट पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।

2000 से अधिक मछुआरे मत्स्य आखेट से कमाते हैं रोजी-रोटी
प्रदेश के जलाशयों एवं सामान्य नदी-नालों व इनकी सहायक नदियों में 12000 से अधिक मछुआरे मत्स्य आखेट से अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं।

प्रदेश के 5 जलाशयों गोबिंद सागर, पौंग, चमेरा, कोल डैम एवं रणजीत सागर में 5500 से अधिक मछुआरे मछली पकड़ने का कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा अन्य जगह पर 6000 से अधिक मछुआरे फैंकवां जाल के साथ मछली पकड़ रहे हैं।

बंद सीजन को कड़ाई से लागू किया जाएगा। सभी से आग्रह है कि किसी भी प्रकार के अवैध मत्स्य आखेट में शामिल न हों अन्यथा अगर कोई पकड़ा जाएगा तो अधिकतम 3 वर्ष की कैद अथवा 5000 रुपए तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। प्रदेश के ऊपरी क्षेत्रों में नवम्बर से जनवरी माह तक ट्राऊट मछली के शिकार पर प्रतिबंध रहता है।

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