जोगेंद्रनगर में चुनाव प्रचार अभियान चरम पर

जोगेंद्रनगर हलके में चुनाव प्रचार अभियान चरम पर है। भाजपा प्रत्याशी ठाकुर गुलाब सिंह, कांग्रेस के ठाकुर सुरेंद्र पाल, माकपा के कुशाल भारद्वाज, बसपा के हेत सिंह वर्मा, निर्दलीय अजय धरवाल, राकांपा के प्रत्याशी जगदीश बिष्ट, तृणमूल कांग्रेस के राकेश पालसरा व लोक जनशक्ति के उम्मीदवार सुरेंद्र ठाकुर गांव-गांव जाकर वोट मांग रहे हैं। आठ प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें से पांच द्रंग ब्लॉक व तीन चौंतड़ा ब्लॉक से हैं। आठों प्रत्याशी राजपूत हैं। वैसे तो हर उम्मीदवार अपनी जीत के दावे करता है, लेकिन असल मुकाबला भाजपा के ठाकुर गुलाब सिंह व कांग्रेस प्रत्याशी उनके भतीजे ठाकुर सुरेंद्र पाल के मध्य लगता है।

माकपा व हिमाचल लोकहित पार्टी के साझे उम्मीदवार कुशाल भारद्वाज तथा निर्दलीय अजय धरवाल भी इस मुकाबले को कांटे का नहीं रहने देना चाहते और इसे चौकोना करते दिख रहे हैं। लोक निर्माण एवं राजस्व मंत्री इस बार अपना 9वां चुनाव लड़ रहे हैं और सातवीं जीत के लिए जुटे हैं। इन पांच साल में क्षेत्र में करवाए गए विकास का सिलसिला वह लोगों से मांग रहे हैं। हलके की हर पंचायत को उन्होंने सड़क सुविधा से जोड़ दिया है तथा हर गांव को यह सुविधा प्रदान करने का संकल्प लेकर चल रहे हैं। हलके को आदर्श क्षेत्र बनाने का वह वादा कर रहे हैं।

ठाकुर सुरेंद्र पाल 2003 से 2007 तक अपने चाचा गुलाब सिंह को हराकर हलके के विधायक रह चुके हैं और दूसरी बार वह जीते नहीं। चाचा ने ही 2007 में भतीजे से अपनी हार का बदला ले लिया था। अब भतीजे ने फिर ताल ठोंकी है और लोक निर्माण मंत्री रहते हुए विकास न करवा पाने की बात कह रहे हैं। परिवहन निगम का डिपो व आइपीएच का डिवीजन न खुलवा पाने का आरोप भी उन पर लगा रहे हैं। गुलाब सिंह का कहना है कि ट्रैफिक डिपो खोलकर डिपो की बुनियाद रख दी गई है, जबकि जीतने पर चौंतड़ा में आइपीएच का डिवीजन खोलने का भी भरोसा दिलाया है।

कुशाल भारद्वाज लंबे अरसे से जोगेंद्रनगर हलके की अनेक समस्याओं का निवारण करवाने के लिए मजदूरों, किसानों व स्थानीय लोगों के साथ मिलकर संघर्ष करते रहे हैं और तभी से वह चुनावी फील्ड बनाने में भी लगे हुए हैं। अजय धरवाल भी लंबे समय से लोगों के बीच जाकर अपनी पैठ बनाने में लगे हुए हैं और युवाओं को अपनी ओर मोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। बसपा के प्रत्याशी हेत सिंह वर्मा भी प्रचार में जुटे हैं। देखना यह है कि बसपा के वोट बैंक को वह कितना कैश कर पाते हैं। राकांपा के जगदीश बिष्ट कांग्रेस के टिकटार्थी थे और उन्हें टिकट नहीं मिला जिस कारण वह राकांपा के प्रत्याशी बन गए। वह सरकारी सेवा से रिटायर होकर दिल्ली से आए हैं, जबकि जोगेंद्रनगर हलके में उनका पैतृक घर है। तृणमूल कांग्रेस के राकेश पालसरा भी प्रचार भी किसी से कम नहीं और राजनीति में वह अरसे से हैं। मतदाताओं में उनका नाम नया नहीं है। लोक जनशक्ति पार्टी की ओर से सुरेंद्र ठाकुर एडवोकेट हैं और खड़ीहार पंचायत के प्रधान भी रह चुके हैं। कई बार चुनाव भी लड़ चुके हैं अब लोजपा से किस्मत आजमा रहे हैं।

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