शिमला : प्रदेश में अनलॉक थ्री में अभिभावकों पर निर्भर करेगा कि स्कूल खुलने चाहिए या नहीं। शिक्षा विभाग अब शिक्षकों की सहायता से अभिभावकों से ऑनलाइन स्कूल खोलने पर सुझाव लेंगे। एक अभियान के तहत शिक्षा विभाग 4 से 7 अगस्त तक अभिभावकों के साथ ई-पीटीएम बैठक करने जा रहा है। इस अभियान के तहत अभिभावकों से शिक्षक ऑनलाइन बात करेंगे तथा स्कूल खोलने या बंद रखने पर उनसे विस्तारपूर्वक सुझाव लिए जाएँगे.
7 अगस्त तक चलेगा अभियान
विभाग यह अभियान चार से सात अगस्त तक शुरू करने वाला है। शिक्षक अभिभावकों से कम से कम 20 मिनट तक बात करेंगे। अभिभावकों से पूछा जाएगा कि अनलॉक थ्री में वे बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार हैं या नहीं। अगर अभिभावक तैयार हैं, तो शिक्षक उन्हें बताएंगे कि विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर स्कूल प्रबंधन अपनी तरफ से क्या-कुछ इंतजाम करेगा।
शिक्षक भी लेंगे अपडेट
शिक्षक अब अभिभावकों से उनके बच्चों की शिक्षा को लेकर भी अपडेट लेंगे। विद्यार्थी घर में शिक्षकों की ओर से दिए जा रहे होमवर्क कर रहे हैं या नहीं। इसके लिए स्कूल प्रबंधन अभिभावकों से व्हाट्सऐप ग्रुप और अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से जुड़े रहेंगे।
विभिन्न मुद्दों पर होगी चर्चा
इसमें शिक्षक अभिभावकों से वार्तालाप कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इसकी रिपोर्ट निदेशालय भेजी जाएगी। शिक्षा विभाग विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा तो दे रहा है, लेकिन इस संबंध में शिक्षक अभिभावकों से भी राय लेंगे कि वे ऑनलाइन शिक्षा में विद्यार्थियों को दी जा रही शिक्षण सामग्री से संतुष्ट हैं। अगर नहीं, तो वे शिक्षण सामग्री को बढ़ाना चाहते हैं या कटौती चाहते हैं। बता दें कि लगभग 650 शिक्षण संस्थान, जो संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं, उन सभी सेंटर्स को हटाने की तैयारी भी शुरू हो गई है। लगभग सभी स्कूल व कालेज संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर से फ्री होने वाले हैं।
सेनेटाईज होंगे संस्थान
संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए स्कूलों के अलावा अन्य दूसरे सरकारी शिक्षण संस्थानों को भी शिक्षा विभाग सेनेटाइज करवाएगा। सेनेटाइज करने की पूरी प्रक्रिया होने के बाद ही छात्रों व शिक्षकों को स्कूलों में बुलाने पर सरकार विचार करेगी। फिलहाल सरकार के आदेशों के बाद स्कूलों की सेनेटाइजेशन को लेकर शिक्षा विभाग ने जिला उपनिदेशक को भी आदेश जारी किए हैं।
स्वच्छता का रखा जाए ध्यान
इस दौरान विभाग की ओर से यह भी कहा गया है कि स्कूलों में छात्रों की स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए शौचालयों की साफ-सफाई और हैंडवॉश तक की सुविधा मुहैया करवाने को लेकर प्रोपोजल तैयार किया जाए। स्कूल-कालेजों को सेनेटाइज करने को लेकर शिक्षा विभाग की सरकार के प्लानिंग विभाग के साथ भी एक बैठक होगी। इस बैठक में समग्र शिक्षा, उच्च शिक्षा व प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक मौजूद रहेंगे।