उरला के करालड़ी में धूमधाम से मनाया गया देव उत्सव

पद्धर : पद्धर उपमंडल की पंचायत के तहत उरला के पास करालड़ी गांव में स्थित देव पशाकोट के काष्ठकला से नवनिर्मित सुंंदर भव्य मंदिर में शुक्रवार को धार्मिक समारोह का आयोजन हुआ। नव निर्मित मंदिर में विराजे तीनों देवताओं के रथ शनिवार को सुबह हारका रस्म को निभाने के लिए उपस्थित हुए। इस देव उत्सव में दूर-दराज से आए हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया। हालांकि सुबह से ही श्रद्धालुओं का मंदिर आना शुरू हो गया था।

इस आयोजन में चौहारघाटी के बड़ादेयो राजा हुरंग नारायण बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। घाटी वजीर देव पशाकोट राजा हुरंग नारायण का स्वागत किया।

पद्धर क्षेत्र के प्रमुख देवता सूत्रधारी ब्रह्मा भी इस देव समारोह में मेहमान देवता के रूप में शिरकत की। करालड़ी गांव देव पशाकोट की तपस्या स्थली के नाम से भी विख्यात है। इस स्थान को पशाकोट की पादुका स्थली के नाम से भी जाना जाता है।

बड़ादेयो हुरंग नारायण भगवान विष्णु अवतार हैं तो देव पशोकोट को भगवान शिव का गद्दी रूप माना जाता है। हस्तपुर चौहारघाटी में दोनों देवताओं को राजा और पहाड़ी वजीर के नाम से पुकारा जाता है।

 

उसके उपरांत लोगों ने नवनिर्मित देव पशाकोट मंदिर में विराजमान तीनों देवों से आशीर्वाद लिया और अपने आपको धन्य किया। आपको बताते चलें कि इस क्षेत्र में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब तीन बड़ी देव शक्तियां किसी प्रतिष्ठा में शामिल हुई हों।

शनिवार को मंदिर के हारका समारोह में चौहारघाटी नरेश बड़ादेयो हुरंग नारायण मुख्यातिथि देवता के रूप में शिरकत की। इस दौरान सैकड़ों की तादात में श्रद्धालु तीनों देवताओं के समागम के साक्षी बने।

शनिवार सुबह 11 बजे से ही मंदिर में विशाल भंडारे का आयोजन शुरू हो गया था। देर रात तक भंडारा चलता रहा ।

तदुपरांत इस समारोह से देव हुरंग नारायण लोगों को अपना आशीर्वाद देने के बाद मंडी शिवरात्रि के लिए रवाना हो गए। इसके थोड़ी देर बाद ब्रह्मा सूत्रधारी भी देव पशाकोट से विदाई ली और अपने मंदिर पद्धर के सुराहन गांव के लिए रवाना हुए।

वहीं, देव पशाकोट उरला में तीन दिन तक रहेंगे और 14 फरवरी को यहीं अपने नवनिर्मित मंदिर से तैयार होकर मंडी शिवरात्रि के रवाना होंगे। देव हुरंग नारायण, देव पशाकोट का रथ महाशिवरात्रि उत्सव में शिरकत करने के लिए पद्धर क्षेत्र के गांवों से होते हुए देवलुओं के साथ पैदल कूच करेंगे।

देव सूत्रधारी ब्रह्मा सुराहण अपने मंदिर के लिए वापिस रवाना होंगे। इलाका रूहाड़ा नरेश शिवरात्रि पर्व में हिस्सा नहीं लेते। वहीं, डीएसपी पद्धर लोकेंद्र नेगी ने कहा कि उरला में देव उत्सव के चलते पुलिस बल तैनात किया गया है।

मौसम खराब होने की वजह से सुबह से कई बार जाम लगा रहा, लेकिन अधिकतर जाम हजारों की संख्या में आए श्रद्धालुओं के वाहनों की लंबी कतारों के कारण लगा था, लेकिन मौके पर तैनात पुलिस कर्मियों ने देर शाम तक जाम बहाल करने में लगे रहे।

देव उत्सव में पहुंचे 12 हजार से अधिक श्रद्धालु

इस क्षेत्र में पहली बार तीन देव शक्तियों का एक साथ आशीर्वाद देने के लिए दूर-दराज से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। उरला के करालड़ी में देव श्री पशाकोट मंदिर शनिवार में आयोजित देव उत्सव में 12 हजार से भी अधिक श्रद्धालुओं ने तीनों देवों का एक साथ आशीर्वाद लिया और अपने आपको धन्य किया।

80 लाख से बना सुंदर भव्य मंदिर

श्रद्धालुओं के सहयोग से नवनिर्मित मंदिर के निर्माण पर 80 लाख की राशि व्यय की गई है। इस सुंदर मंदिर में काष्ठ कला की निकासी जिला मंडी की सराजघाटी के कारगीरों द्वारा की गई है। 11 महीनें के लंबे अंतराल के बाद मंदिर का निर्माण कार्य कारगीरों द्वारा पूरा किया गया है।

मंदिर कमेटी प्रधान एवं पुजारी पुर्ण चंद ने बताया आम जनता के सहयोग से मंदिर का भव्य निर्माण किया गया है। मंदिर प्रतिष्ठा समारोह शुक्रवार को आयोजित हुआ। समारोह में देव हुरंग नारायण, देव पशाकोट, देव सूत्रधारी ब्रम्हा शिरकत की।

पहाड़ी वजीर : देव पशाकोट की महिमा

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