सरकार ने प्रदेश के स्कूलों और समाज के बीच बेहतर समन्वय और सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने के लिए अपना स्कूल द हिमाचल स्कूल एडॉप्शन प्रोग्राम चलाया है.
इसी योजना के तहत शहीद प्रताप सिंह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टिकरू में पूर्व प्रधानाचार्या श्रीमती कमलेश कुमारी जो अब शिक्षा उपनिदेशक चम्बा के पद पर कार्यरत हुईं हैं, ने भी टिकरू स्कूल को गोद लिया है जिसके लिए स्कूल के समस्त स्टाफ व एसएमसी ने टिकरू स्कूल को गोद लेने हेतु धन्यवाद दिया है. गौर हो कि तहसीलदार जोगिंदरनगर ने भी इसी स्कूल को गोद लिया हुआ है.
योजना के तहत अधिकारी को संबंधित स्कूल में महीने में एक बार जाना अनिवार्य किया गया है. वह बच्चों के साथ आपस में संवाद करेंगे. बच्चों के साथ अनुभव, जीवन मूल्यों, आदि के बारे में चर्चा करेंगे.
इसके अलावा यह अधिकारी बच्चों को करियर काउंसलिंग, नशे के खिलाफ, महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों, नारी सशक्तिकरण, कानूनी जानकारी, मौलिक अधिकारों, मौलिक कर्तव्यों पर चर्चा कर सकेंगे.
अधिकारी स्कूल स्टाफ, एसएमसी के साथ बैठक करते हुए शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए सुझाव भी दें सकेंगे. जब भी अधिकारी स्कूल में जाएंगे तो उन्हें स्कूल विजिटर बुक में सारे सुझाव और रिकॉर्ड का रखरखाव करना होगा. इसके अलावा स्कूल में विकासात्मक कार्यों की निगरानी का जिम्मा भी अधिकारी के पास होगा.
अधिकारी शैक्षणिक गतिविधियों, सांस्कृतिक, खेल, अनुपस्थिति, मूलभूत सुविधाओं को लेकर भी कार्य कर सकेंगे. अधिकारियों को हर महीने की प्रगति रिपोर्ट तैयार करनी होगी. इसी रिपोर्ट के अनुसार, पिछले महीने की रिपोर्ट से तुलना करके मूल्यांकन किया जाएगा.
जिला स्तर के अधिकारियों सहित सभी एसडीएम, डीएसपी, खंड विकास अधिकारी, तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने स्कूल गोद लिए है.योजना के तहत अधिकारी को संबंधित स्कूल में महीने में एक बार जाना अनिवार्य किया गया है.
वह बच्चों के साथ आपस में संवाद करेंगे. बच्चों के साथ अनुभव, जीवन मूल्यों, आदि के बारे में चर्चा करेंगे.
इसके अलावा यह अधिकारी बच्चों को करियर काउंसलिंग, नशे के खिलाफ, महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों, नारी सशक्तिकरण, कानूनी जानकारी, मौलिक अधिकारों, मौलिक कर्तव्यों पर चर्चा कर सकेंगे.
अधिकारी स्कूल स्टाफ, एसएमसी के साथ बैठक करते हुए शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए सुझाव भी दें सकेंगे. जब भी अधिकारी स्कूल में जाएंगे तो उन्हें स्कूल विजिटर बुक में सारे सुझाव और रिकॉर्ड का रखरखाव करना होगा. इसके अलावा स्कूल में विकासात्मक कार्यों की निगरानी का जिम्मा भी अधिकारी के पास होगा.