हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने बीएड पात्रता रखने वाले उम्मीदवारों को जेबीटी भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने के लिए हरी झंडी दे दी है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने एनसीटीई द्वारा 28 जून, 2018 को जारी अधिसूचना को संवैधानिक ठहराते हुए अपने निर्णय में कहा कि यह अधिसूचना हिमाचल प्रदेश सरकार के प्राथमिक शिक्षा विभाग और हिमाचल प्रदेश चयन आयोग पर लागू होती है।
खंडपीठ ने चयन आयोग द्वारा 29 दिसंबर, 2018 को जारी उस अधिसूचना को असंवैधानिक करार दिया है, जिसके तहत बीएड पात्रता रखने वाले उम्मीदवारों को जेबीटी भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया था। अदालत ने आयोग को आदेश दिए कि वह 29 दिसंबर, 2018 को जारी अधिसूचना के अनुसार भर्ती प्रक्रिया पूरी करे और उन सभी उम्मीदवारों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल करे जो एनसीटीई द्वारा 28 जून, 2018 को जारी अधिसूचना के तहत शैक्षणिक योग्यता रखते हैं।
साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिए कि वह जेबीटी भर्ती एवं पदोन्नति नियम-2017 को एनसीटीई द्वारा 28 जून, 2018 को जारी अधिसूचना के अनुसार संशोधित करे। खंडपीठ ने एनसीटीई द्वारा 28 जून, 2018 को जारी अधिसूचना को संवैधानिक ठहराते हुए अपने निर्णय में कहा कि एनसीटीई के पास किसी भी प्राथमिक, प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक, सीनियर सेकेंडरी या इंटरमीडिएट स्कूल या कॉलेज, स्थापित, संचालित, केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा सहायता प्राप्त या मान्यता प्राप्त या एक स्थानीय या अन्य प्राधिकरण के प्रयोजन के लिए विनियमों द्वारा स्कूल में शिक्षा के मानकों की शक्ति निहित है।
गौरतलब है कि हाई कोर्ट के समक्ष एक तो उन उम्मीदवारों ने चयन आयोग द्वारा 29 दिसंबर, 2018 को जारी उस अधिसूचना को चुनौती दी थी, जिसके तहत बीएड पात्रता रखने वाले उम्मीदवारों को जेबीटी भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया था। दूसरे उन उम्मीदवारों ने एनसीटीई द्वारा 28 जून, 2018 को जारी अधिसूचना को चुनौती दी थी, जिसके तहत बीएड पात्रता रखने वालों को भी जेबीटी भर्ती के लिए पात्र बनाया था।
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने बताया कि फैसले की कॉपी आने के बाद विधि विभाग से राय लेने के बाद ही कोई फैसला होगा। गौरतलब है कि राज्य सरकार इस केस में पहले ही कोर्ट में जवाब दे चुकी थी कि हिमाचल में जेबीटी ही प्राइमरी में रहेंगे और बीएड अपर प्राइमरी में। अब चूंकि फैसला इसके विपरीत है, इसलिए सरकार को पहले तय करना होगा कि फैसले को लागू करना है या आगे चुनौती दी जानी है। इस कारण जेबीटी की भर्तियां अभी कुछ और वक्त तक रुकी रहेंगी।