सुंदरनगर : सुंदरनगर में रियासत कालीन मेले में देवताओं के बैठने के स्थान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। यहां शिरकत करने आए देव वाला कामेश्वर छच्वार अपना स्थान न मिलने से खफा हो गए। उन्होंने काफी देर गेट पर इंतजार करने के बाद मेला छोड़ कर लोक निर्माण विभाग के रैस्ट हाऊस में डेरा जमाया। इधर, हाउस में ही काफी सख्या में श्रद्धालुओं ने देवता के दर्शन और अर्चना की। हालांकि देव प्रचंड़ नहीं हुए, लेकिन देवता के गुर थोड़ी देर के लिए प्रचंड़ हो गए।
पूर्व निर्धारित जगह पर विराजमान हुई शिकारी देवी
देवता ने घटना कर जानकारी एस.डी.एम., नलवाड़ एंव मेला समिति के अध्यक्ष को दी थी। मेला ग्राउंड में देव के लिए पूर्व निर्धारित जगह पर चच्योट से आई शिकारी देवी पहले से विराजमान हो गई। मेला के शुरू होते ही कमरूनाग के सबसे छोटे पुत्र देव वालाकामेश्वर अपने स्थान की ओर जब पहुंचे तो वहां शिकारी देवी को मौजूद देख कर गेट पर ही रूक गए। प्रशासन और प्रबंधन द्वारा काफी देर तक कोई नहीं आया।
“मेला ग्रांउड में बैठने के लिए स्थान की अदला बदली होती रहती है। बीते साल कहीं दूसरे स्थान पर डेरा जमाया था। ”
-टेक चंद, गुर जय मां शिकारी देवी तरौर, चच्योट, मंडी।
“मेले में पहले के निर्धारित स्थान किसी ओर देवी बैठी हुई है। काफी देर होने तक कोई कार्रवाई नहीं होते देख देव बहुत गुस्सा हो गए। प्रशासन की ओर से अभी कोई नहीं आया है। “ – रतन सिंह, गुर देव वालाकामेश्वर, छच्वार खनवाढ़ ग्राम पंचायत, सुंदरनगर।
स्रोत : पंजाब केसरी