दिल्ली : शुक्रवार की सुबह देश के लिए बड़ी ख़ुशी की खबर लेकर आई है. लम्बे वक्त से कानून के साथ आंखमिचौनी का खेल खेल रहे निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस के चारों दोषियों की फांसी गुरुवार को पक्की हो गई थी । शक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे चारों दोषियों को तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई। फांसी से एक दिन पहले भी दोषियों के वकील इसे टालने के लिए हर तरह की पैंतरेबाजी करते रहे, लेकिन कुछ काम नहीं आया। डाक्टरों ने चारों को मृत घोषित कर दिया है. अभी शवों को तिहाड़ जेल में रखा गया है उसके बाद चारों के शवों का पोस्टमार्टम होगा. वहीँ आज भारत में निर्भय दिवस मनाया जा रहा है.
7 साल बाद मिला न्याय
पटियाला हाउस कोर्ट ने भी दोषियों के डेथ वारंट पर रोक लगाने से इनकार किया। आखिरकार सात साल, तीन महीने और तीन दिन बाद निर्भया के गुनहगार अपने असल अंजाम तक पहुँच गए । गौर हो कि चारों दोषियों-मुकेश, पवन, अक्षय और विनय के पास कोई लाइफलाइन नहीं बची थी, यानी उनके सभी कानूनी विकल्प समाप्त हो चुके थे।
वकील ने दी थी चुनौती
इसके बाद भी अक्षय की तरफ से उसके वकील एपी सिंह ने दया याचिका खारिज किए जाने को गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। एपी सिंह ने कोर्ट से कहा कि दया याचिका के खारिज होने से अक्षय से जुड़े तमाम लोग प्रभावित होंगे। कोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया।
राष्ट्रपति ने खारिज की दया याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने अक्षय के वकील से कहा कि दया याचिका खारिज होने के बाद दूसरी बार दया याचिका दी गई, लेकिन राष्ट्रपति ने उसे खारिज कर दिया। अब इसकी न्यायिक समीक्षा नहीं हो सकती। इससे पहले दोषियों ने दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दाखिल कर डेथ वारंट पर रोक लगाने की मांग की थी। हालांकि, कोर्ट ने डेथ वारंट पर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया।
नाप लेते वक्त रोने लगे आरोपी
वीरवार को जब आरोपियों के गले का नाप लिया जा रहा था तो अपनी मौत तय देखकर चारों आरोपी फूट फूट कर रोने लगे. उनके शरीर का भी नाप लिया गया और वजन भी तोला गया था.
देश मना रहा निर्भय दिवस
चारों आरोपियों को फांसी पर लटकाने के बाद देश में आज निर्भय दिवस मनाया जा रहा है वहीँ मिठाइयाँ भी बांटी जा रही है क्योंकि आज निर्भया के साथ न्याय हुआ है.