प्रदेश सरकार ने एक्सीलेंस स्कूलों और कालेजों की लिस्ट जारी कर दी है। इसमें 500 प्राइमरी स्कूल, 100 हाई स्कूल, 200 सीनियर सेकेंडरी और 50 डिग्री कालेजों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का दर्जा दिया गया है।
इसमें बिलासपुर के 27, चंबा जिला के 56, हमीरपुर के 26, कांगड़ा के 76, किन्नौर के सात, कुल्लु के 35, लाहुल स्पीति के चार, मंडी के 76, शिमला के 79, सिरमौर के 54, सोलन के 35, ऊना के 25 प्राइमरी स्कूल एक्सीलेंस बनेंगे।
इसके साथ ही बिलासपुर के छह, चंबा के सात, हमीरपुर के पांच, कांगड़ा के 21, किन्नौर का एक, स्पीति का एक, मंडी के 15, शिमला के 13, सिरमौर के 10, सोलन के 10, ऊना के चार हाई स्कूल एक्सीलेंस बनेंगे।
इसके साथ ही सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बिलासपुर के 13, चंबा के 15, हमीरपुर के 18, कांगड़ा के 38, किन्नौर के तीन, कुल्लु के 11, स्पीति के दो, मंडी के 27, शिमला के 25, सिरमौर के 17, सोलन के 12, ऊना के 19 स्कूल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेेंगे।
इसके साथ ही कालेजों में बिलासपुर के तीन, चंबा के तीन, हमीरपुर के तीन, कांगड़ा के 10 कालेज, किन्नौर का एक, कुल्लू के तीन, मंडी के छह, शिमला के सात कालेज, सिरमौर के चार, सोलन के तीन, ऊना के पांच कालेज सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेंगे। इसके साथ ही मंडी और सिरमौर का संस्कृत कालेज भी इसमें शामिल हैं।
खास बात यह है कि इन सभी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस संस्थानों में एक्टिविटी लर्निंग और आउटकम पर फोकस किया जाएगा। इन स्कूल-कालेजों का बेंचमार्क भी सरकार तय करेगी और साथ ही अलग से शिक्षक भी मुहैया करवाएं जाएंगे।
एक्सीलेंस बनाए जाने वाले संस्थानों का दर्जा कायम रखने के लिए प्रिंसीपलों की जिम्मेदारियां सुनिश्चित की जाएंगी। हर साल इन संस्थानों का मूल्यांकन होगा। बेहतर प्रदर्शन न करने पर एक्सीलेंस का दर्जा वापस ले लिया जाएगा।
प्रदेश सरकार ने यह तय किया है कि बेहतर रैंकिंग के लिए एक्सीलेंस में जोर दिया जाएगा। जो स्कूल-कालेज अच्छा परफॉर्म करेंगे, उनकी रंैकिंग की जाएगी और उसी आधार पर उन्हें ग्रंाट भी दी जाएगी।
इसके साथ ही टीचर्ज को भी सम्मानित किया जाएगा। साथ ही प्रदेश सरकार इन संस्थानों में एडमिशन बढ़ाने पर फोकस करेगी। इन शिक्षण संस्थानों की रैंकिंग के लिए मापदंड और गाइडलाइंस अलग से जारी होंगी।