हिमाचल मंत्रिमंडल में हुए फैसले के बाद शिक्षा सचिव ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को 6297 अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन यानी ईसीसीई ट्यूटर रखने के आदेश जारी कर दिए हैं। मंगलवार को जारी इन आदेशों में कहा गया है कि यह भर्ती आउटसोर्स आधार पर होगी और स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के माध्यम से इसे पूरा किया जाएगा।
हर उस स्कूल में एक प्री नर्सरी टीचर देना होगा, जहां अभी प्री नर्सरी में एनरोलमेंट चल रही है। शिक्षा सचिव ने कहा है कि कुल 6297 ट्यूटर प्री प्राइमरी एजुकेशन के लिए पहले चरण में एंगेज किए जाएं।
इन्हें आउटसोर्स आधार पर इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के माध्यम से लिया जाए और यह चयन नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन के मापदंडों के अनुसार हो। प्रारंभिक शिक्षा विभाग इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को उन स्कूलों की लिस्ट भेजे, जहां ये शिक्षक नियुक्त किए जाने हैं।
इन शिक्षकों को मासिक मानदेय 10000 रुपए तय किया गया है, लेकिन इसमें एजेंसी चार्जेज, जीएसटी और अन्य खर्च भी शामिल है। स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन वर्तमान में पांच फ़ीसदी एजेंसी चार्ज लेता है, जबकि 10 फ़ीसदी की कटौती ईपीएफ के लिए होती है।
इस तरह की आउटसोर्स भर्ती पर जीएसटी पहले ही 18 फीसदी है। यदि इसी तरह से यह गणना नियुक्ति में हुई, तो इन टीचर्स को हर महीने 6700 रुपए कैश इन हैंड मिलेगा।
गौरतलब है कि लंबे इंतजार के बाद पिछली कैबिनेट की बैठक में प्री नर्सरी कक्षाओं के लिए यह शिक्षक भर्ती करने का फैसला हुआ था।
प्रारंभिक शिक्षा विभाग इसके लिए समग्र शिक्षा के तहत भारत सरकार से मिले पैसे का इस्तेमाल करना चाहता है। इस भर्ती में आंगनवाड़ी वर्कर को भी शामिल कर लिया गया था, लेकिन मानदेय के हिसाब से आंगनवाड़ी वर्कर इस तरफ आवेदन करेंगे, ऐसा नहीं लग रहा।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए अपने विभाग में ही सुपरवाइजर पद के लिए प्रमोशन का चैनल भी है, जबकि आउटसोर्स शिक्षकों को यह विकल्प भी नहीं मिलेगा।