उत्तर प्रदेश के हाथरस जिला के सिकंदराराऊ क्षेत्र में आयोजित भोले बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में कम से कम 116 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 150 से अधिक लोग घायल हो गए।
मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। हादसे के बाद जैसे-तैसे घायलों और मृतकों को बस-टैंपो में लादकर अस्पताल ले जाया गया। स्थानीय अस्पतालों के बाहर और अंदर काफी संख्या में शव रखे हुए देखे गए हैं।
ट्रामा सेंटर सिकंदराराऊ के बाहर स्थानीय निवासी विनीत कुमार ने दावा किया कि उन्होंने यहां अपने हाथ से 107 शवों की गिनती की है। इसमें चार बच्चे भी शामिल हैं।
ऐसा ही कुछ हाल ऐटा मेडिकल कालेज के बाहर भी था, जहां 27 लाशें बिखरी हुई थीं। बताया जाता है कि हाथरस के सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र के गांव फुलराई में भोले बाबा के प्रवचन का कार्यक्रम चल रहा था।
इसी दौरान उम्मीद से ज्यादा भीड़ आ गई थी। एक अनुमान के अनुसार सवा लाख लोग वहां पहुंच गए थे। प्रवचन खत्म होने के बाद लोगों में आयोजन स्थल से निकलने की होड़ मच गई।
भीड़ और गर्मी के कारण लोग बेहोश होने लगे, तो भगदड़ मच गई। इस दौरान कुछ लोग जमीन पर गिरे, तो बाकी उन्हें कुचलते हुए लोग निकलने लगे।
हादसे के बाद जैसे-तैसे घायलों और मृतकों को बस-टैंपो में लादकर अस्पताल ले जाया गया। सीएम योगी ने मुख्य सचिव मनोज सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार को घटनास्थल के लिए रवाना कर दिया।
घटना की जांच के लिए एडीजी आगरा और अलीगढ़ कमिश्नर की टीम बनाई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस में हुए हादसे का संज्ञान लिया है।
सीएम योगी ने मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है, साथ ही घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को उनके समुचित उपचार के निर्देश दिए।
इसके साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने अपने तीन मंत्रियों को भी मौके पर भेजा।
वह खुद बुधवार का मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लेंगे। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने हाथरस हादसे का जिक्र करते हुए दुख प्रकट किया। उन्होंने पीडि़तों को हर संभव मदद का भरोसा दिया।
लाशें देख हार्टअटैक से सिपाही की मौत
एटा में मेडिकल कॉलेज में लाशों का ढेर देखकर ड्यूटी पर तैनात सिपाही रजनेश (30) को हार्ट अटैक आ गया। उसकी मौके पर मौत हो गई। वह क्यीआरटी अवागढ़ में तैनात था। उसे मेडिकल कालेज में आपात ड्यूटी पर बुलाया गया था। इतनी लाशें देखकर वह विचलित हो गया और बहीं गिर पड़ा।
बाबा के काफिले को निकालने के चक्कर में मची भगदड़
लगभग पौने दो बजे सत्संग खत्म होने के बाद बाबा के अनुयायी बाहर सडक़ की ओर जाने लगे। इस दौरान बाबा के काफिले को निकालने के लिए लगभग एक लाख से ज्यादा अनुयायियों को सेवादारों ने जहां थे, वहीं रोक लिया।
बाबा के काफिले के गुजरने के दौरान वहां अनुयायी गर्मी और उमस में खड़े रहे। काफिले के जाने के बाद जैसे ही सेवादारों ने अनुयायियों को जाने के लिए कहा, वहां भगदड़ की स्थिति बन गई।
हाथरस हादसे की जांच के लिए कमेटी गठित
हाथरस हादसे की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है। एडीजी आगरा जोन के नेतृत्व में कमेटी हादसे की जांच करेगी। इसके अलावा अलीगढ़ के कमिश्नर भी हादसे की जांच करेंगे। योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख तथा घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं।
पुलिस कांस्टेबल से बाबा बने सूरज पाल सफेद सूट में करते हैं सत्संग
साकार हरि बाबा उर्फ भोले बाबा का असली नाम सूरज पाल है। करीब 17 साल पहले पुलिस कांस्टेबल की नौकरी छोडक़र वह सत्संग करने लगे। बाबा आम साधु-संतों की तरह गेरुआ वस्त्र नहीं पहनते।
बहुधा वह महंगे गॉगल, सफेद पैंट-शर्ट पहनकर किसी फिल्मी हीरो की मानिंद नजर आते हैं। चूंकि बाबा के शिष्यों में बड़ी संख्या में समाज के हाशिए वाले, गरीब, दलित, दबे-कुचले लोग शामिल हैं।
उन्हें बाबा का पहरावा और यह रूप बड़ा लुभाता है। गरीब और वंचित तबके के लोगों के बीच में इनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी और कुछ समय में लाखों की संख्या में अनुयायी बन गए। उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश और राजस्थान में उनके अनुयायी फैले हैं।