धर्मशाला : सरकार तथा जिला प्रशासन ने बड़ा भंगाल में फंसे पशु पालन विभाग की एक टीम के 4 लोगों तथा गहरी खाई में फंसे एक व्यक्ति का वायु सेना की मदद से सफल रैस्क्यू किया है। सभी को उपचार के लिए टांडा अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
यह जानकारी डीसी डॉ. निपुण जिंदल ने दी। उन्होंने बताया कि बड़ा भंगाल में पशुओं के उपचार के लिए गई पशु पालन विभाग की टीम ने सैटेलाइट फोन के माध्यम से जिला प्रशासन को स्वास्थ्य खराब होने तथा पुलियों के निर्माण में लगे व्यक्ति के खाई में गिरने से गंभीर रूप से घायल होने की सूचना प्रशासन को दी।
सूचना मिलते ही सरकार ने तत्काल प्रभाव से भारतीय वायु सेना से संपर्क साधा तथा बुधवार सुबह सहारनपुर से वायु सेना के 2 चॉपर कांगड़ा एयरपोर्ट से बड़ा भंगाल के लिए रवाना किए गए।
इस रैस्क्यू ऑप्रेशन में सबको वहां से सुरक्षित कांगड़ा एयरपोर्ट पर पहुंचाया गया। इसके पश्चात एयरपोर्ट से सभी को टांडा मेडिकल कॉलेज में उपचार के लिए भेज दिया गया है।
पशुओं में लंपी वायरस के उपचार के लिए बड़ा भंगाल गई थी वैटर्नरी टीम
डीसी ने बताया कि बड़ा भंगाल में पशुओं में लंपी वायरस होने की सूचना मिलने पर पहली अगस्त को जिला प्रशासन ने वैटर्नरी की एक टीम जिसमें डॉ. सचिन सूद, फार्मासिस्ट विनय कुमार, कुलदीप कुमार तथा सहायक मदन कुमार को वाया चम्बा रवाना किया गया था।
इस टीम ने 4 अगस्त को बड़ा भंगाल में पशुओं का उपचार आरंभ किया। वैटर्नरी की टीम ने इस दौरान बड़ा भंगाल में लंपी वायरस से बचाव के लिए 170 पशुओं का टीकाकरण किया तथा लगभग 50 पशुओं का उपचार किया।
7 अगस्त शाम को पशु पालन विभाग की टीम ने सैटेलाइट के माध्यम से जिला प्रशासन को स्वास्थ्य खराब होने के बारे में सूचना दी। टीम को वहां से सुरक्षित निकालने के लिए त्वरित प्रभाव से सरकार की ओर से वायु सेना से संपर्क साधा गया।
निर्माण कार्य के दौरान गंभीर रूप से चोटिल हुआ था हुकम सिंह
बड़ा भंगाल के रहने वाले 48 वर्षीय हुकम सिंह गांव में अस्थायी लकड़ी के पुल का निर्माण करने के दौरान गिर गया था, जिससे उसे गंभीर चौटें आईं। इस बाबत वहां गई पशु चिकित्सकों की टीम ने सैटेलाइट फोन के माध्यम से जिला प्रशासन को तुरंत इस घटना से भी अवगत करवाया।
स्थानीय लोगों ने हुकम सिंह को रैस्क्यू करने और उसके उपचार के लिए जिला प्रशासन से आग्रह किया। इसकी जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन ने भारतीय वायु सेना को संपर्क कर हुकम सिंह को रैस्क्यू करने के लिए भी सहयोग मांगा।
आपदा प्रबंधन को लेकर सतर्क प्रशासन
डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि जिला प्रशासन आपदा प्रबंधन को लेकर पूरी तरह से सतर्क है तथा मानसून सीजन में जिला तथा उपमंडल स्तर पर 24 घंटे कंट्रोल रूम खुले रखे गए हैं ताकि आपदा प्रबंधन को लेकर तत्काल प्रभाव से कार्य किया जा सके।
उन्होंने बताया कि गत 18 जुलाई को इंदौरा उपमंडल के घंडरा तथा म्यानी में ब्यास नदी में फंसे लोगों को कड़ी मशक्कत के साथ रात भर 9 घंटे तक चले रैस्क्यू ऑप्रेशन के बाद 55 के करीब लोगों को एनडीआरएफ की मदद से सुरक्षित निकाला जा चुका है।