शिमला : हिमाचल प्रदेश सरकार कीरतपुर-मनाली फोरलेन राष्ट्रीय राजमार्ग पर बेहतर यातायात व्यवस्था एवं सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 3 नए ट्रैफिक-कम-टूरिस्ट-पुलिस स्टेशन (यातायात-सह-पर्यटक-पुलिस थाना) स्थापित करेगी।
ये पुलिस स्टेशन बिलासपुर, मंडी व कुल्लू जिले में खोले जाएंगे, जो कुशल यातायात प्रबंधन प्रणाली से संचालित होंगे और सभी थानों में एक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया जाएगा।
इससे फोरलेन पर होने वाली दुर्घटना इत्यादि में त्वरित पुलिस सहायता उपलब्ध हो सकेगी। इसके लिए संबंधित विभागों को इन थानों के कार्यक्षेत्र के बारे में विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के भी निर्देश दिए हैं।
यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कीरतपुर-मनाली फोरलेन राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क सुरक्षा पहलुओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
परिवहन विभाग को वाहनों की गति को लेकर 5 दिनों में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि 191 किलोमीटर लंबे इस फोरलेन का करीब 182 किलोमीटर भाग 3 जिलों बिलासपुर, मंडी व कुल्लू से होकर गुजरेगा। उन्होंने कहा कि इस मार्ग से गुजरने वाले यात्रियों की सुरक्षा के लिए विकसित की जा रही प्रणाली एवं पुलिस स्टेशनों की स्थापना इत्यादि के लिए धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी।
उन्होंने परिवहन विभाग को निर्देश दिए कि स्थल निरीक्षण के माध्यम से वाहनों की गति सीमा का जायजा लेकर 5 दिनों में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
ट्रामा सैंटर किए जाएंगे चिन्हित, एम्बुलैंस व रिकवरी वाहनों की भी होगी व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस फोरलेन सड़क पर ट्रामा सैंटर चिन्हित किए जाएंगे, जिनमें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बिलासपुर, श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय नेरचौक, मंडी तथा तीनों जिलों के क्षेत्रीय अस्पताल शामिल हैं।
इससे आपात स्थिति में प्रभावितों को शीघ्र उपचार सुनिश्चित हो सकेगा। इसके साथ ही इस राजमार्ग पर निश्चित स्थानों पर एम्बुलैंस व रिकवरी वाहन इत्यादि की व्यवस्था भी होगी।
एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमैंट सिस्टम किया गया है तैयार
सुक्खू ने कहा कि इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात के सुचारू संचालन तथा दुर्घटना इत्यादि की संभावनाएं कम करने के लिए एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमैंट सिस्टम तैयार किया गया है।
इसके तहत सीसीटीवी कैमरा, वीडियो इंसीडैंट डिटैक्शन सिस्टम, वैरिएबल मैसेज साइन, स्वचालित यातायात पटल, सड़क किनारे एवं ओवरहैड वाहन गति को दर्शाते डिस्प्ले पटल और ऑप्टिक फाइबर कनैक्टीविटी सहित आपात सहायता कॉल बॉक्स भी स्थापित किए जा रहे हैं।
उन्होंने गति सीमा से संबंधित डिस्प्ले पटल की संख्या बढ़ाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से एकीकृत कमांड केंद्र के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने का आग्रह भी किया।