हिमाचल प्रदेश के 17 उद्योगों में बनी 20 दवाइयां सब-स्टैंडर्ड

केद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की पड़ताल में हिमाचल के 17 दवा उद्योगों में निर्मित 18 तरह की दवाएं, सिरप व इंजेक्शन सब-स्टेंडर्ड पाए गए है,जबकि दो दवा उद्योगों में निर्मित दो दवाएं नकली पाई गई है।

हालांकि एक मामले में संबंधित कंपनी ने अपना उत्पाद न होने की दलील दी है, जिसके बाद सीडीएससीओ ने अलग से जांच बिठा दी है। इसके अलावा देश के विभिन्न राज्यों में निर्मित 47 दवाएं भी सब-स्टेंडर्ड पाई गई है।

ये सैंपल राष्ट्रीय स्तर पर केंद्रीय और विभिन्न राज्य प्रयोगशालाओं द्वारा घटिया घोषित किए गए 64 दवा सैंपल में शामिल हैं।

हिमाचल में निर्मित जिन दवाओं के सैंपल फेल हुए है उनमें संक्रमण, डायबिटीज,डायरिया, एलर्जी, सर्दी ,बुखार दर्द निवारक, मानसिक रोग के उपचार, मिर्गी, उच्च रक्तचाप, पेप्टिक अल्सर के उपचार की दवाएं व इंजेक्शन शामिल है, इनका निर्माण बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ़, मैहतपुर व कालाअंब स्थित उद्योगों में हुआ है।

यह खुलासा सीडीएससीओ द्वारा जारी अगस्त माह के ड्रग अलर्ट में हुआ है। फिलवक्त राज्य दवा नियंत्रक ने तुरंत कार्रवाई करते हुए ड्रग अर्लट में शामिल तमाम दवा कंपनियों को नोटिस जारी कर संबंधित दवा का पूरा बैच बाजार से वापिस मंगवाने के आदेश दिए है।

यह दवाएं निकली अधोमानक

सब-स्टैंडर्ड पाई गई दवाओं में पाजिवा 40 और पैंटोमेड 40 शामिल हैं, जिनका उपयोग गैस्ट्रोइसोफेगल रिलक्स रोग के लिए किया जाता है। इन दवाओं का निर्माण कालाअंब स्थित दवा इकाइयों में किया गया है। बद्दी में निर्मित जीवाणु संक्रमण के उपचार की दवा मोक्सीमेड सीवी ,उच्च रक्तचाप की टेल्मिसर्टन 40 भी शामिल है।

इन दवा नमूनों में गुणवत्ता मापदंडों की कमी के पीछे परख सामग्री की कमी, विघटन और कण पदार्थ की उपस्थिति जैसे कारणों को कारण घोषित किया है। सूची में शामिल अन्य दवाओं में एमोक्सिसिलिन और पोटेशियम क्लावुलैनेट टैबलेट, ग्लाइसीमेट-एसआर-500 टैबलेट, रिफमिन 550, फेक्सोफेनाडाइन हाइड्रोक्लोराइड टैबलेट, लैक्सनॉर्म सॉल्यूशन, हेपरिन सोडियम इंजेक्शन, नुनिम-कोल्ड टैबलेट, एड्रेनालाईन इंजेक्शन, विंगेल एक्सएल प्रो जेल, सेफोपेराजोन और सुलबैक्टम इंजेक्शन, हेपरिन सोडियम इंजेक्शन और क्लोजैप्स-ईएस टैबलेट शामिल हैं।

कंपनियों को नोटिस जारी

राज्य दवा नियंत्रक मनीष कपूर ने पुष्टि करते हुए बताया कि सीडीएससीओ द्वारा जारी ड्रग अलर्ट में शामिल सभी संबंधित दवा कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिए है, और दवा निर्माता को संबंधित बैच का पूरा स्टॉक वापस मंगवाने के निर्देश दे दिए गए है।

दवा निर्माण में क्वालिटी से समझौता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सहायक दवा नियंत्रकों को हिदायतें जारी की गई है हिमाचल के जिन दवा उद्योगों के बार-बार सैंपल फेल हो रहे है , उन उद्योगों का संयुक्त निरिक्षण कर कड़ी कार्रवाई करें।

जोगिन्दरनगर की लेटेस्ट न्यूज़ के लिए हमारे फेसबुक पेज को
करें।