जोगिन्दरनगर : हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी बीस भादों यानि 4 सितम्बर के दिन हिमाचल में भी कई स्थानों में पवित्र स्नान हुआ जिसे जिला मंडी की स्थानीय भाषा में “भादों रा न्हौंण” कहा जाता है. इस दिन महिलाएं, पुरुष और बच्चे बड़ी ही धूमधाम के साथ इस पवित्र स्नान का आनन्द लेते हैं. कई जगहों पर मेलों का भी आयोजन किया जाता है.
इस दिन स्नान का है बड़ा महत्व
जिला मंडी में कई ऐसे स्थान हैं जहाँ भारी मात्रा में लोग इस स्नान में भाग लेते हैं. इस दिन इन स्थानों में मेले लगते हैं तथा लोग बड़े ही आनंद के साथ इस स्नान को करने के बाद अपने आप को धन्य मानते हैं. ऐसा ही एक स्नान ऋषि पराशर में है जहाँ 20 भादों यानि 4 सितंबर को देवता के विशेष पर्व का आयोजन किया जाता है, जिसमें मंडी जिला के अतिरिक्त दूसरे जिलों से भी भक्तगण शरीक होते हैं
स्नान के बाद होता है पूजा पाठ
बीस भादो के इस पर्व अवसर पर श्रद्धालु ऋषि पराशर की पवित्र झील में स्नान करते हैं . माना जा रहा है कि इस दिन यदि ऋषि पराशर की पवित्र झील में स्नान करने के उपरांत पूजा पाठ किया जाए, तो कई व्याधियों से निजात मिलती है.
बुरी शक्तियों के प्रकोप से मिलती है मुक्ति
यहां तक कि जिन व्यक्तियों पर बुरी शक्तियों का प्रकोप हो, वे भी ठीक हो जाते हैं. इस पर्व के आयोजन को लेकर आयोजन समिति तैयारियां पूरी करती है . पर्व के अवसर पर स्नान के दौरान साबुन का प्रयोग वर्जित है. श्रद्धालु साबुन का प्रयोग किए बगैर ही झील में स्नान करते हैं . इन दिनों जहां समिति की ओर से मंदिर परिसर को संवारा जाता है, वहीं अन्य तैयारियां भी की जाती हैं.
डायनासर झील में स्नान का भी है विशेष महत्व
इसके अलावा बीड़ वार्ड की पुलिंग पंचायत के डायनासर पर्वत पर स्थित झील में भी 4 सितंबर को महास्नान का विशेष महत्व है. महास्नान के अवसर पर कुल्लू, मंडी व कांगड़ा जिलों के सैकड़ों लोग पहुंचते है तथा पुण्य कमाते हैं. इस दिन सैकड़ों तीर्थस्थलों में महास्नान होता है. 16 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित डायनासर झील का नजारा ही अलग होता है. यहाँ झील के इर्द-गिर्द बड़े पत्थरों के नीचे बने दड़बे ही मात्र शरण स्थल हैं.
हिमरी गंगा,नागचला और बनाड़ में भी होता है पवित्र स्नान
सितंबर माह के पहले सप्ताह को होने वाली इस तीर्थ यात्रा के लिए बरोट, बीड़, जोगिन्दरनगर व पद्धर के युवाओं में भारी जोश व उत्साह देखा जाता है. जोगिन्दरनगर से लगभग 41 किलोमीटर दूर हिमरी गंगा नामक पवित्र जगह है जहाँ बीस भादों को स्नान के साथ साथ मेलों का भी आयोजन होता है. जोगिन्दरनगर से कुछ ही दूरी पर स्थित है नागचला. वहां भी यह पवित्र स्नान होगा. इसके अलावा बनाड़ गाँव में भी इस अवसर दिन में पवित्र होता है.