शिमला — आंगनबाड़ी, मिड-डेमील और आशा वर्कर्ज ने मांगों को लेकर मंगलवार को विधानसभा का घेराव किया। घेराव के दौरान वर्कर्ज ने जमकर नारेबाजी कर रोष जताया। सीटू के बैनर तले आंगनबाड़ी, मिड-डे मील और आशा वर्कर्ज के प्रतिनिधिमंडल अलग-अलग से डा. कर्नल धनीराम शांडिल व कौल सिंह ठाकुर से मिले। धनी राम शांडिल ने आंगनबाड़ी यूनियन को आश्वस्त किया है कि अगले दो दिन में वेतन बढ़ा दिया जाएगा इसके साथ ही कल्याण फंड का सृजन किया जाएगा।
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन का पैसा भी जल्द जारी कर दिया जाएगा। कौल सिंह ठाकुर ने आश्वासन दिया कि मिड-डे मील वर्कर्ज की वेतन बढ़ोतरी के सिलसिले में बजट से पूर्व मुख्यमंत्री से बात करके उचित कदम उठाया जाएगा। इसके साथ ही प्रसूति अवकाश, 12 महीने वेतन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि आशा वर्कर्ज की प्रोत्साहन राशि में वृद्धि की जाएगी। उनकी टीकाकरण की 150 रुपए से 100 रुपए घटाई गई राशि को बहाल किया जाएगा।
प्रदर्शन के दौरान जनसभा को डा. कश्मीर ठाकुर, प्रेम गौतम, जगत राम, विजेंद्र मेहरा, बिहारी सेवगी, रमाकांत मिश्रा, एनडी रणौत, जोगिंद्र, ओमदत्त, राजेश, भूप सिंह, राजेंद्र, सुदेश, आंगनबाड़ी अध्यक्षा खीमी भंडारी, महासचिव राजकुमारी, मिड-डे मील अध्यक्षा कांता महंत, उपाध्यक्ष हिमी देवी, संतोष, आशा वर्कर्ज नेता आशा, चंपा व पूजा ने संबोधित किया।
आशा वर्कर्ज की ये हैं मांगें
आशा वर्कर्ज को न्यूनतम वेतन दिया जाए। आशा वर्कर्ज को हरियाणा की तर्ज पर प्रोत्साहन राशि दी जाए व उसका प्रतिमाह भुगतान किया जाए। आशा वर्कर्ज को नियुक्ति पत्र दिया जाए। आशा वर्कर्ज को पल्स पोलियो की सरकार प्रतिदिन 75 रुपए दिहाड़ी देती है, इसे बढ़ा कर 200 रुपए प्रतिदिन किया जाए। आशा वर्कर्ज को बच्चों के टीकाकरण पहले की तरह 150 रुपए दिए जाएं।
आंगनबाड़ी वर्कर्ज की ये हैं डिमांड
आंगनबाड़ी वर्कर्ज व हेल्पर्ज को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए, जब तक सरकारी कर्मचारी घोषित नहीं किया जाता तब तक हरियाणा की तर्ज पर आंगनबाड़ी वर्कर्ज को 8,500 रुपए व हेल्पर्ज को 4,250 रुपए मासिक वेतन दिया जाए। आंगनबाड़ी वर्कर्ज व हेल्पर्ज को महाराष्ट्र व त्रिपुरा की तर्ज पर पेंशन व ग्रेच्युटी दी जाए। आंगनबाड़ी वर्कर्ज की सेवानिवृत्ति आयु केंद्र सरकार के आदेशानुसार 65 वर्ष की जाए। दसवीं पास व समकक्ष आंगनबाड़ी सहायिकाओं को, जिसका अनुभव पांच वर्ष का हो, उनकी बिना किसी शर्त के कार्यकर्ता के खाली पद पर वर्कर्ज के रूप में नियुक्ति की जाए।
मिड-डे-मील ने मांगा न्यूनतम वेतन
सभी मिड-डे मील वर्कर्ज को न्यूनतम वेतन दिया जाए। दस महीने की जगह 12 महीने का वेतन दिया जाए। मिड-डे मील वर्कर्ज की नौकरी से संबंधित 25 बच्चों की संख्या की शर्त को हटाया जाए। किसी भी मिड-डे मील वर्कर्ज को नौकरी से न हटाया जाए।
स्रोत : दिव्य हिमाचल