हमीरपुर के विजय ने ओलम्पिक में चांदी जीत कर प्रदेश का मान बढाया

हमीरपुर के हरसौर गाँव के विजय कुमार ने शुक्रवार को लन्दन ओलम्पिक के रॉयल आर्टिलरी बैरक में 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में जैसे ही रजत पदक जीता भारतीय शिविर में ख़ुशी की लहर दौड़ गयी. क्यूबा के लयूरिस प्युपो ने कुल 34 अंको के साथ सोने पर निशाना लगाया. विजय ने फाइनल श्रृंखला में 5, 4, 4, 3, 4, 4, 4 और 2 के साथ कुल ३० अंक अर्जित किये. भारत का लन्दन ओलम्पिक में यह दूसरा पदक है.

Vijay-Kumar

अपनी पहली ओलिंपिक में प्रतिस्पर्धा में 26 वर्षीय विजय ने परफेक्ट फाइव के साथ शानदार शुरूआत की. विजय ने 585 स्कोर के साथ कुल छह फाइनलिस्ट के साथ फाइनल राउंड में प्रवेश किया था जिनमे वह चौथे स्थान पर थे. उन्होंने प्रतियोगिता के पहले दिन 293 अंक अर्जित किये थे, और अगली सुबह 8, 6 and 4-सैकंड श्रृंखला में क्रमश: 97 98, और 97 के स्कोर के साथ कुल 292 अंक अर्जित किये थे.

अंतिम चक्र में विजय के चीनी शूटर के तीन के मुकाबले चार निशाने लगा कर चांदी सुनिश्चित करते ही, बहुत से भारतीय समर्थकों का भारी दल प्रसन्न हो उठा. सेना में सूबेदार विजय की यह उपलब्धि इसलिए भी सराहनीय हो जाती है कि तीन बार के स्वर्ण और दो बार रजत के पदक विजेता जर्मनी के राल्फ शुमान अपने सातवें ओलंपिक में 577 स्कोर के साथ पदक के बिना चले गये.

अंतरराष्ट्रीय महासंघ द्वारा पिछले ओलिंपिक चक्र में प्रदर्शन के आधार पर ओलम्पिक के लिए संकलित ‘सुपर 25’ में विजय 12 वें स्थान में थे. केवल 18 निशानेबाज ओलिंपिक रैपिड फायर पिस्टल स्पर्धा के लिए चयनित हुए थे.

उन्होंने विश्व कप की रैपिड फायर पिस्टल स्पर्धा में दो रजत पदक थे और विश्व कप फाइनलस में चौथे स्थान रहे थे, लेकिन पिछले एशियाई खेलों में स्पर्धा में कोई पदक नहीं जीता था. दिलचस्प है की, विजय को दोहा एशियाई खेलों में कांस्य पदक से सम्मानित किया गया था बावजूद इसके की वह चौथे स्थान पर रहे थे, क्योंकि नियम के अनुसार एक देश (चीन) को सभी तीन पदक नहीं दिए जा सकते.

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