विधानसभा शीतकालीन सत्र के पहले दिन सवर्ण समाज के धरने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नए स्वर्ण आयोग के गठन की घोषणा कर दी है। सवर्ण समाज के लोगों ने विधानसभा की बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए गेट पर आकर धरना दिया था और इस दौरान पुलिस से कई बार हाथापाई भी हुई।
गेट पर धरने को बंद करवाने के लिए जयराम सरकार के कई मंत्री स्वर्ण समाज के लोगों से बात करने भी गए, लेकिन पांच मंत्रियों के द्वारा भी मनाए न जाने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को खुद बात करने जाना पड़ा। इस वार्ता के बाद मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि राज्य में सवर्ण आयोग का गठन किया जाएगा। यह आयोग मध्य प्रदेश की तर्ज पर बनेगा। इसके लिए विधानसभा के आगामी बजट सत्र में एक विधेयक लाया जाएगा।
उसमें आयोग की पूरी रूपरेखा तय होगी। इसके बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विधानसभा सदन में भी यही ऐलान दोबारा से किया। हालांकि प्रदर्शनकारी इसके बावजूद इस बारे में आधिकारिक पत्र जारी करने को कह रहे थे। इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने इस मांग को पूरा करवाने के लिए विधानसभा के गेट पर करीब 5 घंटे प्रदर्शन किया और इस दौरान मंत्रियों और विधायकों को भी विधानसभा से बाहर नहीं निकलने दिया।
कई अफसर बाईपास रोड लेकर धर्मशाला के लिए वापस गए। इस धरने के कारण सुबह कई विधायक भी विधानसभा सत्र के लिए लेट हो गए थे, क्योंकि जोरावर मैदान में जुटे स्वर्ण समाज के लोगों के कारण पुलिस को ट्रैफिक बहाल रखने में काफी दिक्कतें पेश आई थी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा स्वर्ण आयोग की मांग को माने जाने के बाद प्रदर्शनकारियों ने गंगाजल का छिड़काव किया और नारे लगाकर इसका स्वागत किया।
गौरतलब है कि स्वर्ण समाज के लोग अपनी इस मांग को मनवाने के लिए पिछले कई महीनों से सड़क पर उतरे हुए थे और इसके लिए इन्होंने हरिद्वार तक कलश यात्रा भी निकाली थी।