स्कूलों व कॉलेज में अध्यापकों के रिक्त पद भरने के लिए लाई गई गेस्ट टीचर नीति का मंडी शहर में संयुक्त बेरोजगार मोर्चा ने कड़े शब्दों में विरोध किया है। विरोध स्वरूप इन युवाओं द्वारा रैली निकाली गई और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस विरोध रैली में डाइट मंडी, विभिन्न प्राइवेट कॉलेजों के विद्यार्थियों अन्य कालेजों के विद्यार्थियों ने भाग लिया।
इन युवाओं का कहना है कि हिमाचल प्रदेश सरक ार ने मंत्रिमंडल में अध्यापकों व प्रध्यापकों के रिक्त पद भरने के लिए नई नीति, गेस्ट टीचर नीति लाई है। बेराजगार युवा सरकार द्वारा लाई गई इस नीति का विरोध करते हैं।
यह नीति बेरोजगार व कई सालों से विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के साथ भद्दा मजाक है। एक तरफ हिमाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है।
सेंटर फार मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी की रिपोर्ट के अनुसार देश का औसत बेरोजगारी दर लगभग 8 प्रतिशत के पास है
जबकि हिमाचल प्रदेश का बेरोजगारी दर इससे लगभग दुगना 15 प्रतिशत है, जिसका मतलब यह है कि हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी बहुत ही तीव्र गति से बढ़ रही है।
वहीं दूसरी तरफ सरकार का फैसला युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। इससे बेरोजगारी और बढ़ेगी।
युवाओं का कहना है कि इन नीतियों के जरिए प्रदेश भर में ठेके पर युवाओं को भर्ती किया जा रहा है, गेस्ट फै कल्टी भी एक तरह का ठेकाकरण है।
दूसरा यह नीति शिक्षा की गुणवत्ता पर एक हमला है पहले ही शिक्षा को लेकर हिमाचल प्रदेश की रैंकिंग देश भर में गिरी है। इस नीति से शिक्षा की गुणवत्ता पर और गिरावट आएगी।
हिमाचल के युवा बेराजगारों के साथ किए जा रहे इस तरह के व्यवहार का कड़े शब्दों में विरोध करते है। वहीं उन्होंने तमाम युवाओं से भी यह आवाहन किया है कि इस नीति का पूरे तरीके से विरोध करें अन्यथा आने वाले समय में हालात और बदतर होने वाले हैं।