जोगिन्दरनगर : पठानकोट- जोगिन्दरनगर रेलमार्ग में जल्द ही 3 पॉवरफुल इंजन दौड़ने वाले हैं. बीते शनिवार को जेडडीएम-3 श्रेणी का एक शक्तिशाली और नया डीजल इंजन पठानकोट पहुँच चुका है. इस प्रकार अब 3 नए इंजन पहुँच चुके हैं. अब इस रेलमार्ग में पुराने इंजनों की वजह से आने वाली समस्याओं से लोगों को परेशान नहीं होना पड़ेगा.
1929 में शुरू हुई थी रेल सेवा
पठानकोट-जोगिन्दरनगर रेलमार्ग की कुल दूरी 164 किलोमीटर है तथा इस मार्ग में रेलसेवा की शुरुआत 1929 में हुई थी. अंग्रेजों ने इस मार्ग को शानन पॉवर हाउस तैयार करने हेतु इस मार्ग का निर्माण करवाया था. दो भागों में विभाजित इस रेलवे ट्रैक में पठानकोट से पपरोला तक 7 रेलें अप डाउन चलती हैं. वहीँ पपरोला से जोगिन्दरनगर तक 2 रेलें अपडाउन चलती हैं.
कोपड़लाहड़ के पास बंद है रेलमार्ग
लॉकडाउन के चलते और और इससे पहले कोपड़लाहड़ के पास भूस्खलन के कारण काफी समय से इस मार्ग पर रेलसेवा बंद है. उम्मीद है जल्द ही इस मार्ग पर जल्द ही रेलसेवा की शुरुआत होगी.
क्या कहते हैं मंडल रेल प्रबन्धक
मंडल रेल प्रबन्धक राजेश अग्रवाल का कहना है कि ये नए इंजन इस मार्ग पर यात्रा को और सुगम बनायेंगे. उनका कहना है कि पहले भी दोनों इंजनों का ट्रायल चल ही रहा था कि कोरोना के कारण परीक्षण स्थगित हो गया था. उनके अनुसार यह इंजन बेहद आधुनिक है.