दुकानदारों को लेने होंगे 2000 के नोट, बड़े नोट के बदले सामान देने से नहीं कर सकते इनकार

2000 के नोट बदलने की प्रक्रिया मंगलवार से देश के सभी बैंकों में शुरू हो जाएगी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को साफ किया कि 2000 रुपए के नोट को लेकर पैनिक होने की कोई जरूरत नहीं है।

लोग बैंक में तो 2000 का नोट बदल ही सकते हैं, साथ ही किसी भी दुकान पर जाकर इस नोट से आसानी से सामान भी खरीद सकते हैं, क्योंकि कोई भी दुकानदार इस नोट को लेने से मना नहीं कर सकता।

उन्होंंने साथ ही कहा कि लोग नोट बदलने के लिए बैंकों में भीड़ न लगाएं। हमने चार महीने का समय दिया है। आप आराम से नोट बदलिए, लेकिन समय सीमा को गंभीरता से लीजिए। 30 सितंबर तक ज्यादातर नोट हमारे पास आ जाएंगे और फिर हम इन्हें बंद करने या न करने पर फैसला करेंगे।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि जो भी परेशानी आएगी, उसे हम दूर करेंगे। हम भी बैंकों के जरिए इस प्रक्रिया पर नजर रखेंगे।

उन्होंने बताया कि बैंकों को रोजाना जमा किए जाने वाले और बदले जाने वाले 2,000 के नोटों का ब्योरा रखने को कहा गया है। गौरतलब है कि आरबीआई ने 19 मई को 2000 रुपए के नोट बंद करने का ऐलान किया था और 30 सितंबर तक ऐसे नोट बैंकों में बदलने या अकाउंट में जमा करने को कहा है।

स्टेट बैंक ने रविवार को 2000 का नोट बदलने के लिए गाइड लाइन जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि नोट बदलने के लिए किसी आईडी की जरूरत नहीं है। कोई फॉर्म भी नहीं भरना होगा।

एक बार में 10 नोट बदले जा सकेंगे। स्टेट बैंक ने नोटिफिकेशन इसलिए जारी किया है, क्योंकि सोशल मीडिया पर नोट बदलने को लेकर अलग-अलग जानकारियां दी जा रही थीं। जिनसे लोगों में भ्रम फैल रहा था।

जनता की सुविधा के लिए बैंकों को शेड लगाने की सलाह

आरबीआई ने बैंकों को सलाह दी है कि वे 2000 रुपए का नोट बदलने या जमा करने आए लोगों को धूप से बचाने के लिए शेड का इंतजाम करें।

साथ ही कतार में लगे लोगों के लिए पीने के पानी की भी व्यवस्था की जाए। बैंकों को नोट बदलने की सुविधा सामान्य तरीके से काउंटर पर उपलब्ध कराने को कहा गया है।

हाईकोर्ट पहुंचा दो हजार के नोट वापसी का मामला

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने हाल ही में दो हजार रुपए के नोट को चलन से वापस लेने का ऐलान किया है। अब यह मामला दिल्ली हाई कोर्ट पहुंच गया है।

भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने एक जनहित याचिका दायर कर कहा है कि 2000 रुपए के नोट बिना किसी मांग पर्ची और पहचान प्रमाण के जमा कराने या अन्य छोटे मूल्य के नोट में नकद भुगतान किए जाने का आदेश मनमाना, तर्कहीन और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।

उन्होंने याचिका पर जल्द सुनवाई किए जाने की मांग की है।

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