मंडी: शिवरात्रि महोत्सव के दौरान निकलने वाली राजदेवता माधव राय की दूसरी जलेब मंगलवार को धूमधाम से निकली। जलेब की अगुवाई सराज क्षेत्र के देवता छांजणू-छमाहूं ने की जबकि स्वास्थ्य एवं राजस्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर जलेब में बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए। इससे पूर्व उन्होंने राजदेवता माधव राय के मंदिर में पूजा-अर्चना की। डी.सी. कार्यालय परिसर से दोपहर बाद अढ़ाई बजे जलेब निकली, जिसमें विभिन्न हिस्सों से आए देवलु ढोल-नगाड़ों की ताल पर नाचते-गाते हुए शामिल हुए। जलेब से पहले बारिश की आशंका थी लेकिन जलेब के दौरान हल्की बूंदाबांदी ही हुई। जलेब में देवलु और देवता नाचते-गाते पड्डल मैदान तक पहुंचे। इस दौरान सड़क के दोनों ओर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस अवसर पर सी.पी.एस. मनसा राम, डी.सी. संदीप कदम, जिला परिषद अध्यक्ष चम्पा ठाकुर, नगर परिषद अध्यक्ष नीलम शर्मा और पार्षद मौजूद रहे।
17 देवता अपने-अपने क्रम के अनुसार चले
राजदेवता की इस परंपरागत जलेब में मंडी जनपद के सराज, सनोर-बदार क्षेत्र के कुल 17 देवता जो रियासत काल से अपने-अपने क्रम के अनुसार राजदेवता की जलेब में चले, जिनमें देव गणपति, बरनाग, मगरू महादेव, देव नारायण बायला और देव चपलांदू के अलावा बिठ्ठू नारायण, देव शुकदेव ऋषि थट्टा और शुकदेव ऋ षि घाटीहाड़, देव मार्कंडेय कोटलू और घटोत्कच, देवी अंबिका डाहर व देव मतलोड़ा आदि शामिल थे जबकि राजदेवता माधवराय की पालकी के ठीक आगे सनोरघाटी की भगवती अंबिका नाऊ चल रहीं थीं। माधवराय की जलेब में पुलिस के घुड़ सवार, पुलिस बैंड और पुलिस के जवान परेड करते हुए शामिल रहे।
शिवरात्रि की अपनी अलग पहचान : कौल
जलेब में भाग लेने के बाद पड्डल मैदान में जनसमूह को संबोधित करते हुए कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि देव समागम के इस अनूठे महोत्सव में जहां श्रद्धालुओं को देवी-देवताओं के दर्शन करने का अवसर प्राप्त होता है, वहीं लोगों को छोटी काशी और इसके ग्रामीण क्षेत्रों की पारम्परिक संस्कृति की जानकारी भी मिलती है। मंडी शिवरात्रि महोत्सव की अपनी अलग पहचान है। राजतंत्र के समय से मंडी राज्य के अधिपति बने राजा माधव राय आज भी मंडी जनपद के देवी-देवताओं के आराध्य हैं। डी.सी. एवं अध्यक्ष शिवरात्रि मेला आयोजन समिति संदीप कदम ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और उन्हें शाल व स्मृतिचिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
स्रोत : पंजाब केसरी