क्लास-थ्री में 21 साल बाद होने जा रही रेगुलर भर्ती

हिमाचल में वर्ष 2003 के बाद पहली बार क्लास-थ्री यानी ग्रुप-सी की किसी पोस्ट पर रेगुलर भर्ती होने जा रही है। 21 साल से कमीशन के जरिए हो रही भर्तियां भी अनुबंध पर हो रही हैं। अब स्कूलों में स्पेशल एजुकेटर के 245 पद रेगुलर भरे जा रहे हैं।

इनमें से 138 पद प्राइमरी स्कूलों को मिलेंगे, जबकि 107 पद अपर प्राइमरी कक्षाओं के लिए हैं। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट इस मामले की मॉनीटरिंग कर रहा है। कोर्ट के आदेशों पर ही यह भर्ती रेगुलर होने जा रही है।

शिक्षा विभाग ने इस नए कैडर के लिए भर्ती नियमों का ड्राफ्ट फाइनल कर लोक सेवा आयोग को भेज दिया है। हालांकि भर्ती कौन सी एजेंसी करेगी, यह फैसला भी सरकार ने लेना है।

भर्ती नियमों में ग्रुप-सी होने के कारण राज्य चयन आयोग को भर्ती एजेंसी बताया गया है, लेकिन इस बार सरकार लोक सेवा आयोग को भी यह भर्ती दे सकती है।

स्पेशल एजुकेटर के प्री प्राइमरी से पांचवीं कक्षा तक 138 टीचर दिए जा रहे हैं। इन्हें रेगुलर सैलरी पे-मैट्रिक्स के लेवल-8 की मिलेगी।

यह नियुक्ति 100 फीसदी सीधी भर्ती से होगी। इनके लिए शैक्षणिक योग्यता 50 फीसदी अंकों के साथ ग्रेजुएशन और स्पेशल एजुकेशन में बीएड जरूरी है।

यह रिहैबिलिटेशन काउंसिल ऑफ इंडिया से अप्रूव संस्थाओं से होनी चाहिए या बीएड क्वालिफिकेशन भी चलेगी। इनके लिए भी टीईटी पास करना जरूरी है।

राज्य के स्कूलों में विशेष जरूरत के बच्चों, जिनमें ब्लाइंडनेस, लो विजन, सुनाई न देने के अलावा इंटेलेक्चुअल डिसेबिलिटी, ऑटिज्म और स्पीच तथा लैंग्वेज से संबंधित अपंगता है, को ये शिक्षक दिए जाएंगे।

हिमाचल में विशेष जरूरत के 5000 से ज्यादा बच्चे

हिमाचल में विशेष जरूरत के 5000 से ज्यादा बच्चे पंजीकृत हैं। इन्हें स्पेशल एजुकेटर न होने के कारण सामान्य स्कूलों में ही पढऩा पड़ रहा है।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की तरफ से इन बच्चों के लिए अलग से सुंदरनगर में एक सेंटर है, लेकिन यह काफी नहीं है। इसीलिए कोर्ट ने स्पेशल एजुकेटर सरकारी स्कूलों में नियुक्त करने को कहा था।

सुप्रीम कोर्ट रजनीश कुमार पांडे बनाम भारत सरकार और हिमाचल हाई कोर्ट पीतांबर दत्त वर्मा बनाम हिमाचल सरकार मामलों में इस भर्ती की निगरानी कर रहा है।

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