हिमाचल प्रदेश के पांच जिलों किन्नौर, लाहौल-स्पीति, चंबा और मंडी और कुल्लू के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में गर्मी से कुछ राहत मिल सकती है। इन क्षेत्रों में 12 अप्रैल को बारिश होने के आसार हैं। प्रदेश भर में 11 अप्रैल तक मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है।
शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन ऊना में अधिकतम तापमान 40 डिग्री दर्ज हुआ। राजधानी शिमला सहित पूरे प्रदेश में शनिवार को धूप खिली। पारा चढ़ने से मैदानी जिलों के साथ पहाड़ी क्षेत्रों में भी पसीने छूट रहे हैं। शनिवार को बिलासपुर में अधिकतम तापमान 37.0, हमीरपुर 36.3, कांगड़ा 35.9, सुंदरनगर 35.4, नाहन 34.8, धर्मशाला 34.0, चंबा 33.9, सोलन 33.5, शिमला 26.0, कल्पा 23.0, डलहौजी 23.8 और केलांग में 17.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ।
उधर, गुरुवार रात को नाहन में न्यूनतम तापमान 21.1, कांगड़ा 17.6, बिलासपुर 17.0, ऊना 16.6, शिमला 16.4, मंडी 14.6, सोलन 13.4, चंबा 13.3, मनाली 9.6, कल्पा में 6.8 और केलांग में 4.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।
सूखे के हालात बनते देख हरकत में आया प्रशासन
वहीं ऊना जिले में लगातार बढ़ती गर्मी के बीच सूखे के हालात बनते नजर आ रहे हैं। फसलों पर मौसम का विपरीत असर पड़ रहा है। कई क्षेत्रों में पेयजल किल्लत गहराने लगी है। इस स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। शुक्रवार को जिला उपायुक्त राघव शर्मा ने विभिन्न विभागों के साथ बैठक कर सूखे की स्थिति पर मंथन किया।
बता दें कि जिले में अधिकतम तापमान 37 से 39 डिग्री सेल्सियस के बीच बना है। बैठक में जिला उपायुक्त राघव शर्मा ने कहा कि अधिकारी पेयजल की कमी और सूखे की स्थिति से निपटने के लिए समय रहते उचित प्रबंध करना सुनिश्चित करें। उन्होंने सिंचाई विभाग को निर्देश दिए कि नलकूपों, पंपिंग मशीनरी की आवश्यक मरम्मत समय पर करना सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में जिला में पेयजल व्यवस्था सामान्य है। जरूरत पड़ने पर जिला ऊना में स्थापित मशीनरी हालात से निपटने के लिए सक्षम है। डीसी ने कहा कि जिला ऊना का लगभग 6200 हेक्टेयर क्षेत्र बागवानी में आता है। उन्होंने बागवानी विभाग को निर्देश दिए कि वह बागवानों से मलचिंग करवाना सुनिश्चित करवाएं।
उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने बताया कि रवी की फसलों में जिले के 35700 हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं, जबकि 1950 हेक्टेयर में सब्जी उत्पादन किया जाता है। आलू का उत्पादन भी बड़े पैमाने पर होता है। उपायुक्त ने कृषि विभाग के विशेषज्ञों के माध्यम से नियमित अंतराल पर मृदा जांच तथा भूमि में नमी की जांच करते रहने के निर्देश दिए।
उन्होंने विभाग के फील्ड अधिकारियों के माध्यम से किसानों को सरकारी योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। इस बैठक में एडीसी डॉ. अमित कुमार शर्मा, उप निदेशक बागवानी अशोक धीमान, उप निदेशक कृषि डॉ. अशोक कुमार, डीएफएससी राजीव शर्मा, एक्सिन आईपीएच नरेश धीमान, डॉ. सुखदीप सिंह सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।