भारत सरकार की अग्निपथ स्कीम को मजबूत करने के लिए राज्य की जयराम सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। हिमाचल में सरकारी भर्तियों में सेना से चार साल बाद लौट के आने वाले अग्निवीरों को अब आरक्षण दिया जाएगा। यह कितना फ़ीसदी होगा, यह अभी तय होना बाकी है।
इस मामले में सैनिक कल्याण विभाग और कार्मिक विभाग मिलकर काम करेंगे और एक ड्राफ्ट बनाकर सरकार को दिया जाएगा। फिलहाल इसके लीगल पहलुओं पर चर्चा हो रही है। राज्य में इससे पहले पूर्व सैनिकों के लिए नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था लागू है, लेकिन अग्निवीरों के लिए इस कोटे से अलग व्यवस्था करनी पड़ेगी।
क्योंकि भारत सरकार ने भी इन्हें एक्स सर्विसमैन की कैटेगरी में अभी नहीं रखा है। राज्य में सरकारी भर्तियों के लिए आरक्षण रोस्टर में बदलाव कुछ वर्ष पहले हुआ था, जब इकॉनोमिक वीकर सेक्शन के लिए अलग से कोटा जोड़ा गया था। इस आरक्षण के कारण भी कुल आरक्षण 50 फीसदी से ऊपर चला गया है।
इसलिए इससे ऊपर कोटा बढ़ाना मुश्किल होगा, लेकिन राज्य सरकार हॉरिजॉन्टल रिजर्वेशन में यह नई व्यवस्था जोड़ सकती है। फिलहाल मामला शुरुआती चरण में है और दोनों विभागों के बीच अभी ज्वॉइंट बैठक भी नहीं हुई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कुछ रोज पहले यह बयान दिया था कि अग्निवीरों को राज्य की सरकारी नौकरियों में एडजस्ट करने के लिए सरकार विचार कर रही है।
इसके बाद सैनिक कल्याण विभाग को इस बारे में निर्देश दिए गए और अब ड्राफ्ट बनाने पर काम चल रहा है। इससे पहले हरियाणा ने घोषणा की थी कि वह अपने यहां 100 फ़ीसदी अग्नि वीरों को सरकारी नौकरियों में एडजस्ट करेगी।
भारत सरकार ने भी अर्धसैनिक बलों में 10 फ़ीसदी आरक्षण अग्नि वीरों के लिए घोषित कर दिया है, लेकिन हिमाचल में इस तरह की व्यवस्था पहली बार लागू हो रही है।