कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉनने हिमाचल में भी दस्तक दे दी है। रविवार को प्रदेश का पहला मामला मंडी जिला में सामने आया है। हालांकि अब पीडि़त महिला संक्रमण से मुक्त हो चुकी है। जब यह महिला गत तीन दिसंबर को कनाडा से शिमला होते हुए मंडी पहुंची थी, तो उसमें ओमिक्रॉन के लक्षण पाए गए थे।
इस दौरान महिला को स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्राथमिकता के आधार पर होम क्वारंटाइन में रखा गया। उपचार के बाद महिला कोरोना संक्रमण से मुक्त हो गई है, जिसकी कोरोना से मुक्त होने की रिपोर्ट 24 दिसंबर को आ गई है। जानकारी के अनुसार मंडी निवासी महिला तीन दिसंबर को कनाडा से आई थी। शिमला में महिला का आरटी-पीसीआर टेस्ट किया गया था, जिसकी रिपोर्ट 12 दिसंबर को आई थी और उसमें महिला संक्रमित पाई गई।
इसके बाद महिला का सैंपल ओमिक्रॉन की जांच के लिए एनसीडीसी लैब दिल्ली भेजा गया था, जिसकी रिपोर्ट 26 दिसंबर को आई है और उस रिपोर्ट में महिला संक्रमित पाई गई है। हालांकि अपने घर में होम क्वारंटीन रहकर उपचार ले रही महिला की 24 दिसंबर को आई आरटी-पीसीआर रिपोर्ट में नेगेटिव पाई गई है।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 43 वर्षीय महिला ने 25 अप्रैल, 2021 को कनाडा में ही कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली थीं। वहीं, पीडि़त महिला के परिवार के सदस्यों 70 वर्षीय पिता, 69 वर्षीय माता और 47 वर्षीय बहन के भी कोविड जांच के लिए सैंपल लिए गए थे, जिनकी रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है।
वहीं, सीएमओ डा. देवेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि कनाडा से आई महिला में ओमिक्रॉन के लक्षण मिले थे, लेकिन अब महिला पूरी तरह से स्वस्थ है। प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से एक दिन पहले प्रदेश में ओमिक्रॉन की एंट्री के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्रदेश स्वास्थ्य विभाग से मामले की जानकारी मांगी है।
गौरतलब है कि विदेशों से हिमाचल लौटे नौ लोगों के सैंपल जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए दिल्ली भेजे गए थे। इनमें से आठ सैंपल की रिपोर्ट आना अभी बाकी है, जबकि कनाडा से लौटी एक महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि भारत सरकार द्वारा 20 नवंबर, 2021 से अब तक साझा की गई सूची के अनुसार विदेशों से 2167 यात्री राज्य में आ चुके हैं। इनमें से 1747 आरटी-पीसीआर परीक्षण के लिए पात्र थे और इनमें से 942 को टेस्ट किया गया है। शेष 420 में से कुछ का पता नहीं चल पाया था। कुछ ने 14 दिन का घरेलू क्वारंटाइन पूरा कर लिया है। कुछ वापस विदेश लौट गए हैं, जबकि कुछ राज्य से बाहर रह रहे हैं।