सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार का अप्रूवल मिलने पर गोविंदसागर झील के बाद अब कोलडैम जलाशय में भी वाटर स्पोट्र्स एंड टूरिज्म एक्टिविटीज का रास्ता प्रशस्त हो गया है। इस संदर्भ में पर्यटन विभाग से बिलासपुर प्रशासन को स्वीकृति पत्र जारी होने के साथ ही टेंडर के लिए भी हरी झंडी मिल गई है।
जल्द ही कोलडैम में क्रूज व शिकारा समेत वाटर स्पोट्र्स एक्टिविटीज के लिए टेंडर किए जाएंगे। जाहिर है कि गोबिंदसागर झील के साथ-साथ कोलडैम में भी क्रूज तैरते हुए नजर आएगा।
खास बात यह है कि क्रूज में पर्यटक कसोल से लेकर तत्तापानी तक की 30 किलोमीटर लंबी झील की सैर का लुत्फ उठा सकेंगे। विधानसभा सत्र में खुद मुख्यमंत्री के ऐलान के बाद यह कार्य तेज गति से हुआ है।
अब जल्द ही कोलडैम में वाटर स्पोट्र्स के लिहाज से हाईटेक मोटरबोट्स, शिकारा, जेट स्की और वाटर स्कूटर इत्यादि की सुविधा शुरू हो जाएगी। बिलासपुर पूरे उत्तर भारत में ऐसा पहला ही जिला है, जहां दोनों जलाशयों में क्रूज व शिकारे दौड़ते हुए नजर आएंगे और पर्यटन आकर्षण बढ़ेगा।
इससे सरकार को रेवेन्यू भी आएगा और स्थानीय लोगों के लिए प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे। बिलासपुर के उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि बिलासपुर में वाटर स्पोट्र्स और टूरिज्म एक्टिविटी को लेकर कार्य किया जा रहा है।
इसके लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और पर्यटन सचिव व निदेशक का मार्गदर्शन व सहयोग मिल रहा है। गोबिंदसागर झील में जल्द ही वाटर एंड एडवेंचर स्पोट्र्स एक्टिविटीज शुरू होंगी। केरल के कोच्चि से बिलासपुर के लिए रवाना हुआ क्रूज अगले तीन-चार दिन में पहुंच जाएगा।
अक्तूबर के पहले हफ्ते में मुख्यमंत्री के कर कमलों से इसका उद्घाटन करवाए जाने को लेकर तैयारी चल रही है। उन्होंने बताया कि सरकार से अब कोलडैम जलाशय में वाटर स्पोट्र्स एवं टूरिज्म एक्टिविटीज के लिए अप्रूवल मिल गई है।
पर्यटन निदेशक की ओर से स्वीकृति पत्र प्राप्त हुआ है। अब शीघ्र ही टेंडर लगाए जाएंगे। उम्मीद है कि दो-चार माह में कोलडैम में भी वाटर स्पोट्र्स और टूरिज्म एक्टिविटीज शुरू हो जाएंगी।
बिलासपुर में ईको व विलेज टूरिज्म पर भी काम शुरू
बिलासपुर की गोबिंदसागर झील व कोलडैम जलाशय में वाटर स्पोट्र्स एंड टूरिज्म एक्टिविटीज के साथ ईको व विलेज टूरिज्म को भी जोड़ा जा रहा है। कोलडैम के समीप ही कसोल में विलेज टूरिज्म पर कार्य किया जा रहा है।
इसके लिए पर्यटन विभाग और कृषि विभाग ने वहां कैंप लगाए हैं। 28 लोग होम स्टे के पंजीकरण के लिए तैयार हुए हैं, जो अपने घर के कुछ कमरे होम स्टे के लिए उपलब्ध करवाएंगे और वहीं पर पर्यटकों को पारंपरिक व्यंजनों के साथ-साथ फिश का जायका भी मिलेगा।
रात्रि ठहराव कर पर्यटक क्रूज में तत्तापानी तक की सैर कर सकेंगे। साथ ही वहां आने वाले पर्यटकों को ग्रामीण परिवेश, रहन सहन और खानपान इत्यादि के बारे में जानकारी प्राप्त होगी।