“शहीदों की याद मे लगेंगे हर वर्ष मेले,वतन पे मिटने वालों का यही बाकी निशां होगा”. जी हाँ वतन के लिए वीरगति प्राप्त करने वाले कभी नहीं मरते वो तो लोगों के दिलों मे हमेशा के लिए जिन्दा रहते हैं. इसी क्रम में जोगिन्दरनगर उपमंडल के तहत स्थित शहीद प्रताप सिंह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टिकरू में मंगलवार को शहीद प्रताप सिंह का शहीदी दिवस मनाया गया. आज ही के दिन प्रताप सिंह ने देश के लिए वीरगति प्राप्त की थी .
शहीद के नाम पर हुआ है स्कूल का नामकरण
गौर हो कि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टिकरू का नामकरण अब शहीद प्रताप सिंह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टिकरू के नाम से हो गया है जोकि क्षेत्र के लिए गर्व का विषय है.
37 वर्ष की उम्र में हुए थे शहीद
शहीद प्रताप सिंह टिकरू पंचायत से सम्बन्ध रखते थे तथा 15 मार्च 1974 में 8 जम्मू कश्मीर राईफल में भर्ती हुए थे तथा 19 साल 2 महीने 27 दिन की सेवा के बाद 11 जून 1993 को मात्र 37 वर्ष की उम्र में शहीद हो गए थे।
यहाँ हुई थी मुठभेड़
शहीद प्रताप सिंह श्रीनगर के बारामूला सैक्टर में उस समय चल रहे आपरेशन रक्षक भाग 3 के दौरान सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर मुठभेड़ में शहीद हो गए थे।
मिला था शौर्य चक्र
शहीद प्रताप सिंह को मरणोपरांत शौर्य चक्र से भी सम्मानित किया गया था। उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति डॉक्टर शंकर दयाल शर्मा के द्वारा मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था जिससे समस्त हिमाचल सहित जोगिन्दरनगर क्षेत्र भी गौरवान्वित हुआ था।
प्रधानाचार्या ने किया स्वागत
सबसे पहले विद्यालय की प्रधानाचार्या व समस्त स्टाफ व स्कूली बच्चों ने शहीद के परिवार का स्कूल के नवनिर्मित गेट के पास भव्य स्वागत किया. इस नव निर्मित गेट का उद्घाटन शहीद प्रताप सिंह की धर्मपत्नी ने रिबन काट कर स्कूल के लिए समर्पित किया.
स्कूल ने दी श्रद्धांजलि
इस अवसर पर कार्यक्रम की शुरुआत मे विद्यालय मे शहीद प्रताप सिंह की तस्वीर पर फूलमाला चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी गई उसके पश्चात प्रधानाचार्या कमलेश कुमारी द्वारा शहीद प्रताप सिंह की धर्मपत्नी श्रीमती सरला देवी व उनके बेटे विनोद कुमार को शाल व टोपी देकर सम्मानित किया गया.
प्रवक्ता ने दी जानकारी
विद्यालय मे कार्यरत राजनीति विज्ञान के प्रवक्ता सुभाष चंद ने शहीद प्रताप सिंह की जीवनी बारे विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस तरह के कार्यक्रमों से शहीदों का सच्चा सम्मान होता है. शहीद प्रताप सिंह के बेटे विनोद कुमार टिकरू स्कूल में वरिष्ठ सहायक के पद पर कार्यरत हैं.
प्रधानाचार्या ने जताया आभार
विद्यालय की प्रधानाचार्या कमलेश कुमारी ने धन्यवाद कार्यक्रम के तहत बताया कि शहीद प्रताप सिंह के परिवार का इस स्कूल के लिए हमेशा ही योगदान रहा है.
उन्होंनें बताया कि शहीद के परिवार ने पहले भी टिकरू स्कूल के लिए प्रधानाचार्या कक्ष का निर्माण करवाया है. इसके अलावा स्कूल के लिए नए गेट का भी निर्माण करवाया है जिसमें लगभग 75 हज़ार रूपये का खर्चा आया है. प्रधानाचार्या ने शहीद के परिवार का हार्दिक आभार जताया है.
बच्चों ने दी मनमोहक प्रस्तुति
इस अवसर पर विद्यालय के बच्चों द्वारा देश भक्ति से ओतप्रोत रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया तथा शहीद प्रताप सिंह को श्रद्धांजली दी गई. शहीद के परिवार ने बच्चों के रंगारंग कार्यक्रम के लिए 1 हजार रूपये की नकद राशि इनाम स्वरूप दी।
धाम का हुआ आयोजन
इस अवसर पर शहीद की पत्नी श्रीमती सरला देवी ने पूरे स्कूल के लिए धाम का आयोजन किया था. इस अवसर पर शहीद के परिवार से उनकी पत्नी ,शहीद प्रताप सिंह के बेटे विनोद कुमार, उनकी पत्नी व उनके बेटी और बेटा भी उपस्थित थे.