जोगिन्दरनगर : जोगिन्दरनगर उपमंडल में पीलिया का प्रकोप रूकने का नाम नहीं ले रहा है। 100 में से बीस लोगों में अब पीलिया के लक्षण मिलना शुरू हो गए हैं। ज्यादातर लोग घर भी पीलिया का इलाज करवा रहे हैं। दवाईयों के साथ ही लोग झाड़फूंक भी करवा रहे हैं।
उपमंडल में पीलिया जैसे जल जनित रोगों की रोकथाम को लेकर प्रतिदिन 100 से अधिक लोगों के टेस्ट किए जा रहे हैं। बुधवार को आज राजपत्रित अवकाश के चलते अस्पताल में स्थित निजी लैब में एक सौ के लगभग टेस्ट किए गए।
जिनमें से लगभग 20 के लगभग मामलों में पीलिया के लक्षण पाए गए। हालांकि सिविल अस्पताल जोगिन्दरनगर में अभी भी डेढ़ दर्जन के करीब पीलिया से ग्रस्त रोगी उपचार हेतु भर्ती हैं। जिनका उपचार चल रहा है। इनमें बच्चों की संख्या कुछ ज्यादा है।
जबकि पीलिया के लक्षण पाए जाने वाले कुछ लोगों को दवाइयां आदि देकर घर भी भेजा जा रहा है। जबकि गंभीर लक्षण पाए जाने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है।
उधर, जल शक्ति विभाग द्वारा भी पेयजल के स्रोतों पर पूरी नजर रखी जा रही है और भंडारण टैंकों की भी पूरी क्लोरिनेशन की जा रही है ताकि लोगों का जलजनित रोगों से बचाव हो सके।
उल्लेखनीय है कि उपमंडल में पिछले कुछ दिनों में पीलिया जैसे जलजनित रोगों में कुछ बढ़ोतरी दर्ज की गई। जिसे लेकर स्वास्थ्य विभाग सहित जल शक्ति विभाग तथा स्थानीय प्रशासन भी अलर्ट पर आ गए और स्वास्थ्य विभाग ने भी टेस्ट करवाने की मात्रा बढ़ा दी ताकि समय रहते इस रोग बारे पता चल सके और इस पर रोक लगाई जा सके।
उधर, सिविल अस्पताल जोगिन्दरनगर के उपमंडलीय चिकित्सा अधिकार डा. रोशन लाल कौंडल का कहना है कि अस्पताल में जल जनित रोग से संबंधित 15 से अधिक रोगी भर्ती हैं। जबकि प्रतिदिन 50 से अधिक लोगों के टेस्ट करवाए जा रहे हैं। सभी मामले नियंत्रण में हैं।