हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में इस बार पुराने शैड्यूल के अनुसार ग्रीष्मकालीन अवकाश होगा। इसके अलावा मानसून व विंटर ब्रेक भी पूर्व में तय शैड्यूल के अनुसार ही होगी। उच्च शिक्षा विभाग ने इसको लेकर जिला उपनिदेशकों को जानकारी भेजी है।
22 जून से 29 जुलाई तक मानसून ब्रेक
इसमें बताया गया है कि फिलहाल विभाग की ओर से अवकाश का शैड्यूल बदलने पर विचार नहीं किया जा रहा है। ऐसे में पुराने शैड्यूल के अनुसार ही मैदानी क्षेत्रों के स्कूलों में अवकाश होगा। सूचना के अनुसार समर क्लोजिंग स्कूलों में 22 जून से 29 जुलाई तक मानसून ब्रेक होगा।
यहाँ होगा विंटर विकेशन
उधर, लाहौल-स्पीति, किन्नौर, पांगी में इस बार समर विकेशन न होते हुए बल्कि विंटर विकेशन होगा। शिक्षा विभाग ने लाहौल-स्पीति व पांगी के स्कूलों को नई व्यवस्था को लागू करने को कहा है। यहां बता दें कि इससे पहले किन्नौर, पांगी, लाहौल-स्पीति में गर्मियों का अवकाश होता है।
इस वजह से सर्दियों में विद्यार्थी बर्फ के बीच स्कूल तक पहुंचते थे। शिक्षकों की मांग पर शिक्षा विभाग ने लाहौल, किन्नौर और पांगी क्षेत्रों में छुट्टियां सर्दियों में देने का फैसला लिया। अब इन क्षेत्रों के बच्चे पूरी गर्मियों में स्कूल जाएंगे।
इस बार भी 22 जून से 29 जुलाई तक समर क्लोजिंग स्कूलों में अवकाश रहेगा।। जिला कुल्लू में मानसून ब्रेक 23 जुलाई से 14 अगस्त तक होगा।
शिक्षक संगठन बिफरे
विंटर क्लोजिंग स्कूलों में मानसून ब्रेक 22 जुलाई से 27 जुलाई तक रहेगा। इस बीच अवकाश को लेकर शिक्षा विभाग के इस फैसले को लेकर शिक्षक संगठन बिफर गए हैं।
20 जुलाई से 31 अगस्त तक हो मानसून ब्रेक
शिक्षक संगठनों का कहना है कि विभाग ने समर विकेशन का शैड्यूल उस समय बनाया है जब न तो ज्यादा गर्मी होती है, न ही बारिश का मौसम होता है। उनका कहना है कि सरकारी स्कूलों में 20 जुलाई से 31 अगस्त तक मॉनसून ब्रेक देना चाहिए, क्योंकि उस समय बारिश अपनी चरम सीमा पर होती है।
अध्यापक संघ का क्या है कहना
छात्रों को स्कूल तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। फिलहाल राजकीय अध्यापक संघ इस मामले को लेकर शिक्षा विभाग को शिक्षकों के सुझाव की कॉपी भी सौंपेगा, ताकि स्कूल विकेशन विद्यार्थियों व शिक्षकों की सुविधा को देखते हुए किया जाए।