हिमाचल प्रदेश में मनाली और लेह के बीच समुद्र तल से 3000 मीटर की ऊँचाई पर अटल सुरंग का निर्माण कार्य अंतिम चरण पर है. यह 8.8 किलोमीटर लम्बी यह एतिहासिक सुरंग सितम्बर के अंत तक खोली जाएगी.3200 करोड़ रुपए की सुरंग मनाली और लेह के बीच की 474 किलोमीटर दूरी को 46 किलोमीटर कम करेगी.
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से इस सुरंग को अटल सुरंग के नाम से जाना जाता है. वाजपेयी ने 3 जून 2000 को इस परियोजना की घोषणा की थी. परियोजना का यह काम बीआरओ को सौंपा गया था. 2011 में खुदाई शुरू करने के बाद से समय सीमा को आगे बढ़ाया गया. इस परियोजना का कार्य 2015 में सम्पन्न होना था लेकिन सेरी नाले से पानी की निकासी,रॉक खनन पर प्रतिबंध और खदान के लिए आवश्यक भूमि के आवंटन में देरी बीचक में रॉक स्ट्रेट धीमी प्रगति का कारण बना है.
इस सुरंग के कार्य को पूरा करने के लिए 700 से अधिक पुरुष शिफ्ट में काम कर रहे हैं. जब कोरोना वायरस महामारी के चलते लॉकडाउन में भी यह कार्य जारी रहा. रक्षा मंत्री ने पिछले महीने सुरंग में काम का निरीक्षण करना था लेकिन भारत-चीन के बीच ज़ारी गतिरोध के कारण यह यात्रा रद्द कर दी गई.